Last Updated on December 31, 2021 by The Health Master
15 से 18 साल के बच्चों वाली Vaccine के Side effects भी होंगे क्या
C-19) के खतरों से सुरक्षित करने के लिए सरकार ने हाल ही में 15 से 18 साल के बीच के बच्चों (Children) को वैक्सीन दिए जाने की मजूरी दी है. हालांकि कई देशों ने बच्चों को पहले से वैक्सीन (Vaccine) लगाई जा रही है.
सबसे पहले अमेरिका और कनाडा में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को फाइज़र की वैक्सीन देनी शुरू हुई थी. बच्चों के लिए वैक्सीन अभियान (Vaccination program) को हर तरफ से समर्थन मिल रहा है.
हालांकि पैरेंट्स (Parents) के मन में इसे लेकर अब भी बहुत सारे सवाल हैं. पैरैंट्स को डर है कि कहीं इसका साइड इफेक्ट (Side effect) ज्यादा न हो.
उन्हें इस बात की चिंता हो रही है कि वैक्सीन असरदार (Efficacy) होगी या नहीं. पैरेंट्स की चिंता पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India -DCGI) की क्या राय है, इसके बारे में जानते हैं.
पैरेंट्स की चिंता क्या है
टीओआई की खबर के मुताबिक जब भी पैरेंट्स के सामने बच्चों को वैक्सीन लगाने की बात आती है उन्हें डर तो लगता ही है.
यह सिर्फ C-19 वैक्सीन की बात नहीं है, किसी भी बीमारी की वैक्सीन को लेकर पैरेंट्स के मन में चिंताएं रहती ही हैं.
उन्हें लगता है कि वैक्सीन के बारे में हम जब ज्यादा नहीं जानते हैं तो क्यों अपने बच्चे को यह लगाएं.
उनका तर्क होता है कि वैक्सीन लगवाने के बजाय बच्चों को कुदरती तरीके से इम्यूनिटी बूस्ट होना ज्यादा सही है.
कुछ पैरेंट्स धार्मिक कारणों की वजह से भी वैक्सीन लगवाने से हिचकिचाते हैं.
साइड इफेक्ट पर क्या कहता है DCGI
सरकार ने जिस वैक्सीन को बच्चों के लिए मंजूरी दी है, उसका परीक्षण बहुत ही उत्कृष्ट और स्वीकृत मानदंडों के आधार पर किया है.
सभी मानदंडों पर खरा उतरने के बाद ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसे मंजूरी दी है.
इसलिए किसी भी वैक्सीन की प्रभावकारिता पर संदेह नहीं करनी चाहिए.
दो वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के आधार पर डीसीजीआई ने स्पष्ट कहा है कि इन वैक्सीन का बच्चों पर बहुत गंभीर साइड इफेक्ट नहीं है.
सामान्यतया इस वैक्सीन को लेने के बाद बच्चों में हल्का बुखार, इंजेक्शन लगाने वाली जगह पर दर्द, नींद में कमी, रेडनेस, शरीर में दर्द और थकान जैसे मामूली लक्षण ही दिखाई देंगे.
यह परेशानी 2-3 दिनों में दूर हो जाएगी.
DCGI के मुताबिक वास्तव में इस तरह के लक्षण इस बात के संकेत हैं कि आपके बच्चे का शरीर वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी का निर्माण कर रहा है.
वयस्कों में भी वैक्सीन लगवाने के बाद समान लक्षण दिखते हैं.
बेहतर तरीका क्या है
उपलब्ध रिसर्च के आधार पर यह कहा जा सकता है कि वर्तमान में कोविड 19 से बचने के लिए वैक्सीन भले ही 100 प्रतिशत सुरक्षा की गारंटी नहीं है लेकिन इससे बचने का यही अब तक का सबसे बेहतर तरीका है.
क्योंकि वैक्सीन लगवाने के बाद कोविड से होने वाली मौत और अस्पताल जाने का जोखिम बहुत कम हो जाता है.
इन बातों को ध्यान में रखते हुए बच्चों को वैक्सीन लगाना ही सबसे बेहतर विकल्प है.
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