FDA Haryana के SDC ने लगवाई Vaccine, जताया पूर्ण भरोसा

C-19 के प्रारम्भ से ही फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन हरीयाणा की विशेष भूमिका रही है।

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NK Ahooja, Former SDC FDA Haryana
NK Ahooja, Former SDC FDA Haryana

Last Updated on January 23, 2021 by The Health Master

C-19 के विरुद्ध निर्णायक युद्ध मे आज दिनांक 22 जनवरी 2021 शुक्रवार को FDA Haryana हरियाणा के राज्य औषधि नियन्त्रक (SDC) नरेन्द्र आहूजा विवेक ने C-19 वैक्सीन कोविशील्ड का टीका नागरिक हस्पताल सेक्टर 6 पंचकूला में डॉ सुवीर सक्सेना पी एम ओ की उपस्थिति में लिया।

FDA Haryana
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टीकाकरण के बाद बात करते हुए नरेन्द्र आहूजा विवेक ने बताया कि हमें भारतीय वैक्सीन कौवेक्स और कोविशील्ड कि गुणवत्ता असर और सुरक्षित होने पर पूरा भरोसा है और हम सभी को इस वैश्विक महामारी C-19 के विरुद्ध टीकाकरण की  निर्णायक जंग में अपना नम्बर आने पर टीका अवश्य लगवाना चाहिए और किसी भी प्रकार के भरम या गलत दुष्प्रचार से बचना चाहिए। हम सभी हैल्थ केयर वर्कर को तो खुद आगे आकर इस टीकाकरण को सफल बनाना हमारा नैतिक दायित्व बनता है।

FDA Haryana की भूमिका

C-19 के प्रारम्भ से ही फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन हरीयाणा की विशेष भूमिका रही है। मार्च में C-19 काल प्रारम्भ होते ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग हरियाणा ने मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा एफ डी ए अधिकारियों एवं दवा विक्रेता एवं निर्माताओं की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा ली गई बैठक में ही C-19 से लड़ने का संकल्प ले लिया था। उस समय लगभग 16430 खुदरा 4850 थोक एवं 250 दवा निर्माताओं ने C-19 संक्रमण काल के प्रारंभिक दौर में मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि C-19 काल में किसी भी आवश्यक दवा सेनेटाइजर या मास्क की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

Medicine Vaccine Injection
Picture: Pixabay

इस आश्वासन को दोहराने और कार्य पद्धति की योजना बनाने के लिए जिला स्तरीय बैठकें ज़िला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ भी आयोजित की गई। इस प्रारम्भिक दौर में औषधि प्रशासन विभाग ने दवा विक्रेताओं और निर्माताओं के माध्यम से प्रत्येक मरीज़ के घर तक दवा पहुंचवाने का महत्वपूर्ण योगदान दिया।


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इसके लिए केन्द्र सरकार ने भी दवाओं की डोर डिलीवरी को लीगल बनाने के लिए अधिसूचना जारी की। मुख्यालय स्तर पर एक 24×7 हेल्पलाइन डेस्क नम्बर भी बनाया गया जिसमें विभाग के दो कर्मचारी अधिकारी आम जनता की विभाग से सम्बंधित शिकायतें सुनते और उनका फील्ड अधिकारियों के माध्यम से निदान करने का प्रयास करते।

स्थानीय स्तर पर भी C-19 वारियर के रूप में कार्य कर रहे दवा विक्रेताओं और निर्माताओं ने भी ग्रुप बना कर सप्लाई चेन सुनिश्चित करने का कार्य किया। लोक डाउन के मुश्किल समय में ड्रग कंट्रोल अधिकारियों ने आवश्यक कर्फ्यू पास आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने का काम किया। 

इसी समय जब आवश्यक मास्क सेनेटाइजर आदि के प्रोडक्शन को बढ़वाने का महत्वपूर्ण कार्य भी विभाग द्वारा किया गया। 

हरियाणा में केन्द्र सरकार की नीतियों के अनुरूप सभी लगभग 18 डिस्टिलरी को सेनेटाइजर बनाने के लाइसेंस जारी किए गए। इसके अतिरिक्त लगभग 8 अन्य फर्मों को भी इसी प्रकार के लाइसेंस जारी किए गए। पहले से दवा निर्माण कार्य कर रही लगभग 50 दवा निर्माण इकाइयों को भी सेनेटाइजर बनाने की अनुमति प्रदान की गई।

इसी समय भारत सरकार ने सेनेटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम में अधिसूचित करते हुए इनके दाम भी 100 रु 200 एम एल तय कर दिए। अब इनकी कालाबाज़ारी रोकने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी विभाग के कंधों पर आ गई। इसका निर्वहन करते हुए विभाग ने 11 एफ आई आर बिना लाइसेंस निर्माण करते या फिर अधिक दामों पर बेचने के विरुद्ध दर्ज करवाई ।

विभाग के अधिकारियों ने 258 सेनेटाइजर के नमूने भी जांच हेतु लिए। इसी प्रकार एन 95 , मेल्ट ब्लोन मास्क या डबल या ट्रीपल प्लाई मास्क का उत्पादन बढ़वाने के साथ साथ इनकी उपलब्धता उचित दाम पर करवाने का महत्वपूर्ण कार्य भी विभाग ने किया। इसी समय में विभाग द्वारा सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए पी पी ई किट्स मास्क वा सेनेटाइजर विभिन्न सरकारी अस्पताल वा C-19 केयर सेंटर में दान दिलवाए गए।

इस कठिन समय में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा ही लोक डाउन आदेश नियमावली, लूस सिगरेट सेल प्रतिबन्ध , च्युंगम खाने और थूकने पर प्रतिबंध , खाद्य पदार्थों में तम्बाकू पर प्रतिबंध जैसे महत्वपूर्ण आदेश और उनकी अनुपालना भी विभाग द्वारा ही सुनिश्चित की गई।  साथ ही लोक डाउन के समय दवा विक्रेताओं द्वारा औषधि प्रशासन के अधिकारियों के प्रेरणा से जरूरत मन्द परिवारों को भोजन भी उपलब्ध करवाया गया। 

औषधि प्रशासन विभाग द्वारा C-19 में कार्य आने वाली सभी दवाइयों एच सी कयु (HCQ), पैरासिटामोल आदि के निर्माण की अनुमति भी दवा निर्माताओं को प्रदान की गई। सेनेटाइजर और मास्क के निर्माण और उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा प्रतिदिन की रिपोर्ट लेना भी सुनिश्चित किया गया। 

विभाग द्वारा एन्टी वाइरल (Antiviral) ड्रग्स निर्माण और अनुसंधान हेतु टेस्ट लाइसेंस भी हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित सन फार्मा , मैनकाइंड फार्मा आदि को जारी की गई ताकि देश आत्मनिर्भर बनते हुए अपनी एन्टी वायरल ड्रग बनाने में सक्षम हो सके।

इसी क्रम में चूंकि भारत पूरी दुनिया की फार्मेसी के रूप में जाना जाता है तो प्रदेश में भी अम्बाला स्थित मेकनील आर्गस ज़ी , लेब करनाल आदि को फेवी पैरावीर (Favipiravir) टेबलेट आदि बनाने की अनुमति प्रदान की गई।

एन्टी वायरल दवाओं का बल्क ड्रग बनाने की अनुमति भी भारत सरकार की अनुशंसा के बाद कीमिया लेब गुरुग्राम को दी गई। इस प्रकार हरियाणा ना केवल C-19 से संघर्ष की आवश्यक ड्रग्स पेरासिटामोल टेबलेट , एच सी कयु टेबलेट , सेनेटाइजर , मास्क पी पी ई किट आदि के निर्माण में आत्मनिर्भर हो गया अपितु अब अन्य राज्यों और विदेशों में भेजने के लिए भी सक्षम हो चुका है। 

अब भारत सरकार द्वारा रेमदेसीविर फेविपरावीर और टोज़िलयूमेब आदि की कालाबाज़ारी रोकना भी विभाग का दायित्व बन गया था। इसके लिए जहां विभाग ने आवश्यक आदेश जारी करते हुए इनका रोजाना रिकार्ड लेना प्रारम्भ किया वही नकली ग्राहक भेजकर भी इनकी कालाबाज़ारी रोकने का कार्य प्रारंभ किया। 

अब C-19 से लड़ने के लिए प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग प्रारम्भ हुआ तो विभाग ने पांच स्थानों गुरुग्राम फरीदाबाद रोहतक करनाल और पंचकूला में प्लाज्मा बैंक बनवाने की अनुमति भारत सरकार और इसके लिए आवश्यक प्रबन्ध करने का कार्य किया।

पंचकूला में तो रिकार्ड चार दिनों में भारत सरकार को आवेदन निरीक्षण और अनुमति की प्रक्रिया को पूरा किया गया। विभाग ने सभी C-19 हस्पतालों में ऑक्सीजन उपलब्धता सुनिश्चित करवाने का भी महत्वपूर्ण कार्य किया। इसके लिए भारत सरकार और पेसो के नोडल अधिकारियों के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए यह कार्य किया।

स्वास्थ्य विभाग को अपना पूरा सहयोग प्रदान करते हुए डेली बुलेटिन एवं अन्य C-19 डाटा कम्पाइल करने का कार्य भी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा किया जा रहा है ।


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