अंबाला। औषधि विभाग की टीम ने अवैध तरीके से बनाए जा रहे हैंड सेनेटाइजर के एक मामले का भंडाफोड़ किया है। टीम ने एक मकान में धड़ल्ले से चल रहे इस कारोबार की जांच के दौरान मौके से 396 बोतल सेनेटाइजर की जब्त की हैं। होलसेल दवा की एजेंसी में तैनात सेल्समैन यह गैरकानूनी धंधा कर रहा था।
जांच अधिकारियों की ओर से अब सेल्समैन जयचंद के खिलाफ ड्रग एंड कॉस्टमेटिक एक्ट के तहत केस दर्ज करवा दिया गया है। जानकारी अनुसार कुलदीप नगर स्थित गैरी लाइफ साइंस नामक होलसेल दवा एजेंसी में लखनऊ निवासी जयचंद बतौर सेल्समैन काम करता है।
जयचंद वर्तमान में अंबाला के प्रगति विहार में रहता है। यहां वह काफी दिनों से बिना ड्रग लाइसेंस के सेनेटाइजर तैयार कर बेच रहा था। हरियाणा ड्रग एंड कंट्रोल डिपार्टमेंट को इसकी शिकायत मिला तो सीनियर ड्रग कंट्रोलर सुनील चौधरी की अगुवाई में जयचंद को रंगे हाथों पकडऩे के लिए उसके घर पर रेड की। मौके पर हैंड सेनेटाइजर के निर्माण जोरों पर चल रहा था।
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जांच टीम ने यहां से 396 बोतल सेनेटाइजर की जब्त की। साथ ही सेनेटाइजर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली कच्ची सामग्री, प्लास्टिक की खाली बोतलें व रैपर भी बरामद किए हैं। पूछताछ के दौरान जयचंद कोई ड्रग लाइसेंस नहीं दिखा पाया। जयचंद ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह शाहाबाद के होलसेल दवा कारोबारी बिसमिल देव के लिए सेनेटाइजर का निर्माण करता है।
अब तक वह दो हजार से ज्यादा बोतल सेनेटाइजर के निर्माण व सप्लाई कर चुका है। सीनियर ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर सुनील चौधरी ने बताया कि ठोस सबूतों के आधार पर बिसमिल देव को भी जांच में शामिल किया जाएगा। गौरतलब है कि जयचंद के घर से जब्त हैंड सेनेटाइजर पर मैजिक ऑफ हर्बस का इस्तेमाल हो रहा था। इस नाम से डिफेंस कॉलोनी के योगेश कुमार के नाम हर्बल औषधि का लाइसेंस जारी है।
जयचंद के खुलासे के बाद योगेश कुमार ने जांच अधिकारियों को बताया कि वह जयचंद को नहीं जानता और न ही वह सेनेटाइजर बनाता हैं। जयचंद पूरी तरह गैरकानूनी तरीके से सेनेटाइजर बना रहा है। इससे पहले भी रोहतक में इबेले कंपनी का हैंड सेनेटाइजर जिसके रैपर पर कीमत 90 रुपए एमआरपी दर्शाई गई है और पैकिंग के अंदर शीशी पर कीमत 29 एमएल की कीमत 40 रुपए एमआरपी प्रिंट है। इस कंपनी का एमडी भी बड़ी सफाई से झूठ बोल गया कि बाहर पैकिंग पर रेट मैंने नहीं लिखा।