भारत में HCQ दवा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल को मंजूरी

It is decided to use Hydroxychloroquine (HCQ) tablets on healthcare workers at large scale in India

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Medicine
Picture: Pixabay

भारत में HCQ दवा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल को मंजूरी

ICMR ने कोविड-19 (Covid-19) की रोकथाम के लिए मलेरिया (Malaria) के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. इस दवा को पिछले दिनों आधुनिक युग की ‘संजीवनी’ तक कहा गया था. इससे पहले आई रिपोर्टों में बताया गया था कि आईसीएमआर (ICMR) इस दवा को अपने प्रोटोकॉल से हटा सकता है. लेकिन इसके ठीक उलट उसने अपने आंकलन में दवा के निम्न स्तर पर दुष्प्रभावी पाए जाने के बाद इससे जुड़ी चिंताओं को खारिज कर दिया है. बताया गया है कि ICMR ने 1,323 हेल्थकेयर वर्कर्स (Healthcare Workers) पर दवा (Medicine) के प्रभाव का आंकलन करने के बाद यह फैसला लिया है.

क्या कहती है ICMR की नई गाइडलाइंस?

नई गाइडलाइंस में ICMR ने कहा है कि सभी सावधानियां बरतते हुए HCQ उन सभी हेल्थकेयर वर्कर्स को दी जा सकती है, जो कोविड-19 के इलाज में लगे हुए हैं और जिनमें इसके लक्षण नहीं दिख रहे हैं. इनमें क्वारंटीन केंद्रों में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा सभी अस्पतालों के हेल्थकेयर वर्कर्स को भी शामिल किया गया है. स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा कोविड-19 की रोकथाम में सबसे अगली पंक्ति में काम कर रहे अन्य लोगों को भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दिए जाने की सिफारिश की गई है. इनमें कंटेंमेंट जोन घोषित किए गए इलाकों में तैनात पुलिसकर्मी और पैरामिलिट्री के जवान भी शामिल हैं.

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इसके अलावा लैब टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के घर में उसके संपर्क में आए लोगों को भी यह दवा दी जा सकती है. दूसरी तरफ HCQ के इस्तेमाल से जुड़ी सावधानियों में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति में इसके साइड इफेक्ट्स जैसे- हृदय रोग दिखे तो दवा का इस्तेमाल तुरंत बंद कर देना चाहिए. 15 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को भी HCQ न दिए जाने की शिफारिश की गई है. साथ ही जो लोग रेटिनोपैथी से पीड़ित हैं और इस दवा के प्रभाव के लिहाज से अतिसंवेदनशील हैं, उन्हें यह दवा देने की मनाही होगी.

नए शोध में HCQ फिर ‘बेअसर’ साबित

ICMR ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब कोरोना वायरस को रोकने को लेकर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के प्रभाव के संबंध ‘दि लांसेट’ पत्रिका का शोध चर्चा में बना हुआ है. इस जानी-मानी पत्रिका ने 96 हजार से ज्यादा कोविड-19 मरीजों के विश्लेषण के बाद बताया है कि HCQ नए कोरोना वायरस को रोकने में प्रभावी नहीं है. उसके मुताबिक, इस दवा का सेवन करने वाले लोगों में कोविड-19 से मरने की आशंका ज्यादा पाई गई, जबकि जिन्होंने दवा नहीं ली उनमें यह आशंका कम थी.

हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब HCQ की क्षमता पर सवाल उठे हैं. इससे पहले भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर हुए शोधों में इसी तरह के परिणाम सामने आए थे. लेकिन दि लांसेट के अध्ययन की अपेक्षा उनके सैंपल यानी मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत कम थी.

ताजा शोध के सामने आने के बाद उन विशेषज्ञों की राय को बल मिल गया है, जिनका दावा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ HCQ के इस्तेमाल से फायदे कम और नुकसान ज्यादा हैं.

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