दवा कंपनी पर छापा, नकली दवाइयां बरामद, दो गिरफ्तार
रुड़की(हरिद्वार), जेएनएन। हरिद्वार जिले के माधोपुर गांव में जिस वीआर फार्मा दवा कंपनी पर शनिवार रात को औषधि नियंत्रण विभाग की टीम ने छापा मारा था। उस कंपनी से करीब दो करोड रुपए की नकली दवाएं बरामद हुई हैं, सभी दवाएं विभिन्न मल्टीनेशनल दवा कंपनियों की है। एंटीबायोटिक और हाइपरटेंशन की दवाएं हैं। पुलिस ने कंपनी संचालक समेत दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। बरामद दवाओं के सैंपल को जांच के लिए लैब भेजा जा रहा है। दवाई सेलखड़ी आदि से बनाई गई है।
सिविल लाइन कोतवाली में पत्रकार वार्ता में एसपी देहात एसपी किशोर ने बताया कि सालियर के माधोपुर स्थित बिहार फार्मा कंपनी में देश के विभिन्न कंपनियों की नकली दवाई बनाई जा रही थी। यहां हुई छापेमार कार्रवाई में करीब डेढ़ करोड़ से अधिक की नकली दवाई बरामद की गई है। इसके अलावा चार लाख 68 हजार की नकदी बरामद हुई है। एसपी देहात ने बताया कि जांच में पता चला है कि इस कंपनी में देश की कई प्रतिष्ठित कंपनियों की दवा बनाई जा रही थी। इसे बनाने के लिए इनके पास कोई लाइसेंस नहीं था।
पुलिस ने इस मामले में प्रवीण त्यागी और कपिल त्यागी निवासी ग्राम इकडी थाना सरधना जिला मेरठ को गिरफ्तार किया है। इस कंपनी में करीब 35 लोग काम कर रहे थे। मौके से एंटीबायोटिक, वायरल फीवर, थ्रोट इंफेक्शन, किडनी इंफेक्शन, ब्लड प्रेशर, सर्दी, घावों को सुखाने वाली सर्दी जुकाम के लिए प्रयोग होने वाली दवाओं का उत्पादन किया जा रहा था। गौरतलब है कि गंगनहर कोतवाली अंतर्गत माधोपुर गांव में एक दवा कंपनी है। औषधि नियंत्रण विभाग हरिद्वार के औषधि निरीक्षक मानवेंद्र सिंह राणा ने कंपनी में नकली दवा होने की सूचना पर गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज मैनवाल के साथ शनिवार रात को छापा मारा था।
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कई फार्मा कंपनियों की हुई जांच
ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती के अनुसार बीते दो महीनों में सिडकुल और बहादराबाद स्थित 43 फार्मा कंपनियों की जांच की गई है। इन कंपनियों में नकली दवाइयां बनाने का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। ड्रग इंस्पेक्टर के अनुसार दवा कंपनियों में मौके पर बन रही दवाइयों की भी जानकारी ली। बताया कि सभी फैक्ट्रियों में सामान्य दवाइयां ही बनती मिली। पांच-छह कंपनियों में कुछ मैनुअल मिस्टेक की बात सामने आई है, जिसपर उन्हें सुधार के निर्देश दिए गए हैं। भगवानपुर में नकली दवा पकड़े जाने के मामले में उन्होंने बताया कि दवा कंपनियों में औचक निरीक्षण जारी रहेगा।
भारती ने बताया कि उन्होंने बिना लाइसेंस मेडिकल स्टोर संचालित करने के मामले में दिसंबर से लेकर अब तक तीन मेडिकल स्टोर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। इनमें रावली महदूद, सुल्तानपुर और लक्सर के मेडिकल स्टोर शामिल है। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि कुछ दवा कंपनी अपनी पुरानी मशीनों को किसी के हाथ बेच रहे हैं, ऐसी शिकायत मिली है। मशीन खरीदने वाले इन मशीनों की मरम्मत करा इसे आगे रुड़की और भगवानपुर क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में बेच रहे हैं। इस पर नजर रखी जा रही है। जल्द इस गिरोह को पकड़ना उनकी प्राथमिकता रहेगी। इधर, सीएमओ डॉक्टर शंभू नाथ झा ने बताया कि नकली दवाओं का बनना वाकई गंभीर मामला है। विभाग के स्तर पर सख्त कार्रवाई और जांच शुरू कराई जाएगी।
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