Last Updated on August 28, 2022 by The Health Master
रक्तदान से जुड़े मिथ और उनकी सच्चाई: आईये जानें
हर वर्ष 1 अक्टूबर को भारत में राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस (National Voluntary Blood Donation Day) मनाया जाता है.
साल 1975 में इस दिन की शुरुआत की गई थी, ताकि स्वैच्छिक रक्तदान (Blood Donation) को बढ़ावा दिया जा सके और किसी भी मरीज को खून की कमी ना हो.
स्वस्थ लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करने, इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने, रक्तदान करने वाले लोगों में आत्मसम्मान भावना को जगाने व उन्हें धन्यवाद देने के रूप में इस दिवस का महत्व है.
रक्तदान को नेक और निस्वार्थ कार्य के रूप में देखा जाता है. एक व्यक्ति के रक्तदान से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है.
हालांकि, आज भी कई ऐसे लोग मिल जाते हैं, जो दर्द, खून की कमी और सूई के डर के साथ ही अपनी अलग ही मान्यताओं व रिति-रिवाजों के कारण रक्तदान में संकोच करते हैं.
स्वस्थ वयस्कों के लिए रक्तदान बिल्कुल सुरक्षित कार्य है. रक्तदान से कई भ्रांतियां जुड़ी हुई हैं, उनमें से इन पांच को अगर आप मानते हैं तो जल्द से जल्द इनसे छुटकारा पाएं.
पहली भ्रांति – मेरे शरीर में खून की कमी हो जाएगी
जबकि सच्चाई ये है कि जब आप रक्तदान के लिए जाते हैं तो आपसे एक बार में सिर्फ 500 मिली लीटर खून ही लिया जाता है. एक स्वस्थ व्यक्ति में 4-5 लीटर खून होता है.
जैसे ही आप रक्तदान करते हैं, वैसे ही आपका शरीर तुरंत इस तरल की कमी और हीमोग्लोबिन के स्तर की पूर्ति करने में जुट जाता है. 6-12 हफ्ते में आपका रक्त वापस उसी स्तर पर पहुंच जाता है.
यदि आपको रक्तदान के दौरान बेहोशी हो रही है तो विशेषज्ञों के अनुसार या तो आपने उचित मात्रा में पानी नहीं पिया है और आपके शरीर में पानी की कमी है, या फिर आपका पेट खाली है.
इसलिए जब भी रक्तदान के लिए जाएं तो खाना खाकर जाएं और उचित मात्रा में लिक्विड का सेवन करें. यही नहीं, रक्तदान के बाद भी खूब सारा लिक्विड लें, ताकि आपके शरीर में लिक्विड की कमी को तुरंत पूरा किया जा सके.
दूसरी भ्रांति – अगर रक्तदान किया तो मुझे कोई संक्रमण या एड्स हो सकता है
जबकि सच्चाई यह है कि हर नए रक्तदाता के लिए नई सुई का इस्तेमाल होता है और एक बार उपयोग के बाद उसका उचित निस्तारण कर दिया जाता है.
जब आप रक्तदान करते हैं तो आप किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में नहीं आते हैं. इसलिए आपको किसी भी तरह के संक्रमण की आशंका न के बराबर है.
तीसरी भ्रांति – हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोग रक्तदान नहीं कर सकते
जब तक आप स्वस्थ महसूस कर रहे हैं, तब तक हाई कोलेस्ट्रॉल के बावजूद आप रक्तदान कर सकते हैं. यदि रक्तदान से पहले आपका ब्लड प्रेशर 180/100 से नीचे है तो कोई भी आपको रक्तदान से वंचित नहीं रख सकता.
अगर आपको इनमें से कोई स्वास्थ्य समस्या है और आप रक्तदान करना चाहते हैं तो अपने डॉक्टर से बात करके सुरक्षित तरीके से रक्तदान करें. हालांकि, अगर आपको एचआईवी और टाइप-1 डायबिटीज है तो आप रक्तदान नहीं कर सकते.
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चौथी भ्रांति – रक्तदान में काफी वक्त लगता है और यह दर्दनाक होता है
रक्तदान में करीब आधे घंटे का वक्त लगता है और कुछ समय फॉर्म भरने व प्रारंभिक जांच में लगता है. जहां तक दर्द की बात है तो जिस वक्त सुई आपकी बांह में डाली जाती है उस वक्त हल्की से झुनझुनी सी महसूस होती है.
यह हल्का दर्द भी मात्र कुछ सेकेंड के लिए ही होता है, बाकी के रक्तदान के दौरान बिल्कुल दर्द नहीं होता.
पांचवी भ्रांति – मैं दवा ले रहा हूं, इसलिए रक्तदान नहीं कर सकता
अगर आप स्वस्थ महसूस कर रहे हैं तो फिर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किसी तरह की दवा ले रहे हैं, आप फिर भी रक्तदान कर सकते हैं.
रक्तदान से पहले ब्लड बैंक के स्टाफ को बता दें कि आप किस तरह की दवा ले रहे हैं, वही बेहतर बता पाएंगे कि आप रक्तदान कर सकते हैं या नहीं.
यदि आपको बैक्टीरियल, वायल या फंगल इंफेक्शन है तो आपको रक्तदान के लिए मना किया जा सकता है. इसके अलावा यदि आप ब्लड थिनर, स्टेरॉइड और हार्मोन्स से संबंधित दवाएं ले रहे हों तो आप रक्तदान नहीं कर पाएंगे.
अस्वीकरण : इस लेख में दी गयी जानकारी कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों और उनके संभावित उपचार के संबंध में शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। यह किसी योग्य और लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा, जांच, निदान और इलाज का विकल्प नहीं है। यदि आप, आपका बच्चा या कोई करीबी ऐसी किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहा है, जिसके बारे में यहां बताया गया है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। यहां पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार के लिए बिना विशेषज्ञ की सलाह के ना करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको होने वाले किसी भी तरह से संभावित नुकसान के लिए The Health Master जिम्मेदार नहीं होगा।