Last Updated on November 3, 2020 by The Health Master
नई दिल्ली। नारकोटिक्स एक्ट यानि कि एनडीपीएस (NDPS Act) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब हाई कोर्ट ने भी जब्त नशे में प्रयुक्त दवा की मानक मात्रा में बदलाव किया है। नशीली दवा की जब्ती के मामले में पूर्व में तय मानक मात्रा में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बदलाव किए हैं।
इसके तहत जब्त नशीली दवा की उपलब्ध मात्रा को ही मूल आधार माना है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आधार पर हाई कोर्ट (High Court) में भी जब्त मात्रा को लेकर नया प्रावधान तय किया गया है और धारा 37 के तहत व्यावसायिक मात्रा निर्धारित की है।
गौरतलब है कि अब इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद नशीली दवा के तस्करों को अब आसानी से जमानत नहीं मिल पाएगी। दरअसल छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में भी मनेंद्रगढ़ के कोतवाली क्षेत्र के नशीली दवा तस्कर सूरज एक्का के जमानत प्रकरण की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का हवाला दिया है।
इसी आधार पर जस्टिस संजय के. अग्रवाल ने नशीली दवा तस्करी के आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। साथ ही सख्ती टिप्पणी की है कि नशीली दवाओं से अपराध बढ़ रहा है और समाज में इसका विपरीत असर दिखाई दे रहा है। ऐसे में इस तरह के कारोबार में शामिल अपराधियों को जमानत देना उचित नहीं है।
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बतादे कि नशीली दवा खासकर कोरेक्स (Corex) समेत अन्य कोडिनयुक्त सीरप (Codeine syrup) में अल्कोहल व टेबलेट और इंजेक्शन में अन्य नशीले पदार्थ की मानक मात्रा को देखते हुए जब्ती बनाई जाती है। उदाहरण के तौर पर सौ एमएल की कोरेक्स की शीशी में अल्कोहल की मात्रा पांच एमएल है तो पांच एमएल अल्कोहल मानी जाती है। इसका तस्करी के आरोपितों को लाभ मिलता है। मात्रा कम होने के कारण उन्हें जमानत मिल जाती है।
ऐसे ही एक मामले में हीरा सिंह विरुद्घ केंद्र सरकार में सुप्रीम कोर्ट ने एनडीपीएस की धारा 37 के तहत जब्त दवा के व्यावसायिक व मानक मात्रा में नया प्रावधान तय किया है। इसके तहत अब शीशी में मौजूद पूरी दवा को नशीला पदार्थ माना जाएगा। उसमें मिलावट मात्रा को मानक क्षमता नहीं मानी जाएगी।
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