Last Updated on November 14, 2022 by The Health Master
इन लापरवाहियों के कारण होता है Hepatitis
लिवर (Liver) शरीर में सबसे बड़े आकार का अंदरूनी अंग है तो जो कि भोजन पचाने, ऊर्जा को एकत्रित करने और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है.
संक्रमण, अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन, ऑटोइम्यून यानी स्व-प्रतिरक्षित रोग आदि से लिवर में सूजन और जलन की समस्या हो सकती है, इसे हेपेटाइटिस (Hepatitis) रोग कहा जाता है.
यदि हेपेटाइटिस लंबे समय तक रहता है तो ऐसे में लिवर का काम करना बंद हो जाना या लिवर कैंसर जैसे रोग हो सकता है.
हेपेटाइटिस किसी भी कारण से हुआ हो, लेकिन उसके लक्षण और संकेत एक जैसे होते हैं.
हेपेटाइटिस से ग्रस्त व्यक्ति में त्वचा और आंखों का रंग पीला होना, बहुत ज्यादा थकावट, जी मचलाना, गहरे रंग की पेशाब, पेट दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. कुछ लोगों में बुखार और उल्टी की शिकायत भी होती है.
हेपेटाइटिस पांच प्रकार के होते हैं– हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी और हेपेटाइटिस ई। इनमें से ए, बी और सी सबसे आम प्रकार है.
Hepatitis A, Hepatitis B,
Hepatitis C, Hepatitis D,
Hepatitis E
हेपेटाइटिस ए
संक्रमित भोजन, संक्रमित पानी और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से हेपेटाइटिस ए की आशंका होती है. इसके सामान्य मामलों में किसी विशेष इलाज की जरूरत नहीं होती है और अधिकांश लोग अपने आप स्वस्थ हो जाते हैं. इससे ग्रस्त व्यक्ति के लिवर में कोई क्षति नहीं पहुंचती है.
हेपेटाइटिस ए से बचने का पहला तरीका है इसकी Vaccine लेना. इसके अलावा बचाव के लिए स्वच्छता का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है.
खाने या पीने से पहले और टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद साबुन और गर्म पानी से हाथों को अच्छी तरह धोना चाहिए. हेपेटाइटिस ए के लिए कोई विशेष इलाज नहीं है.
शरीर इसे अपने आप ही ठीक करता है. इससे संक्रमित लोग अक्सर थके हुए और बीमार महसूस करते हैं.
ऐसे में पर्याप्त मात्रा में आराम करना फायदेमंद हो सकता है. मतली या उल्टी होने पर डिहाइड्रेशन रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए.
शराब न पिंए और दवाओं को सावधानी से इस्तेमाल करें. अगर हेपेटाइटिस ए की पुष्टि हो चुकी है, तो यौन गतिविधियों से बचें.
हेपेटाइटिस बी
अधिकतर वयस्कों को हेपेटाइटिस बी थोड़े समय के लिए होता है और कुछ समय बाद ठीक हो जाता है. इसे एक्यूट हेपेटाइटिस बी कहा जाता है.
संक्रमित होने के छह महीने बाद तक एक्यूट हेपेटाइटिस बी रहता है. इससे लिवर को नुकसान पहुंचने की आशंका कम होती है. इसमें डॉक्टर खूब आराम करने, उचित पोषण लेने और पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीने का सुझाव देते हैं.
कभी-कभी Virus दीर्घकालिक संक्रमण का कारण बन जाता है, जिसे क्रोनिक हेपेटाइटिस बी कहा जाता है. क्रोनिक हेपेटाइटिस बी से संक्रमित शिशुओं और छोटे बच्चों के पीड़ित होने की आशंका अधिक रहती है.
संभव है कि इसके लक्षण दिखाई ना दें. अगर नजर भी आते हैं तो फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं. गंभीर स्थिति में यह सिरोसिस का कारण बन सकता है.
इसके इलाज के लिए एंटीवायरल दवाएं दी जाती हैं, जो लिवर में हो रही लगातार क्षति की गति को धीमा कर देती हैं.
हेपेटाइटिस सी
हेपेटाइटिस सी इन वायरसों में से सबसे अधिक गंभीर माना जाता है. हेपेटाइटिस सी दूषित खून के संपर्क में आने से फैलता है जैसे संक्रमित व्यक्ति द्वारा अंग प्रत्यारोपण करना, खून चढ़ने, रेजर या टूथब्रश जैसी वस्तुएं साझा करना आदि.
इसके अलावा यह संक्रमित मां से उसके बच्चे में भी पारित हो सकता है. इसके इलाज के लिए Antiviral दवाएं दी जाती हैं. हालांकि लोगों को सिरोसिस या लिवर संबंधी अन्य कोई रोग हो गया है, तो उनको लिवर प्रत्यारोपण भी करवाना पड़ सकता है.
अस्वीकरण : इस लेख में दी गयी जानकारी कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों और उनके संभावित उपचार के संबंध में शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। यह किसी योग्य और लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा, जांच, निदान और इलाज का विकल्प नहीं है। यदि आप, आपका बच्चा या कोई करीबी ऐसी किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहा है, जिसके बारे में यहां बताया गया है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। यहां पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार के लिए बिना विशेषज्ञ की सलाह के ना करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको होने वाले किसी भी तरह से संभावित नुकसान के लिए The Health Master जिम्मेदार नहीं होगा।
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