Last Updated on January 8, 2021 by The Health Master
नई दिल्ली। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है जिसमें यह कहा जा रहा है कि डाक्टरों की तरह अब फार्मासिस्ट भी अब अपना क्लीनिक खोल सकेंगे। वो भी अब फिजीशियन की तरह इलाज कर सकेंगे।
इस दावे पर भारत सरकार के फार्मेसी प्रैक्टिस एक्ट रेग्युलेशन 2015 के एक प्रावधान का हवाला दिया जा रहा है। तो क्या ऐसा सच में होगा? क्या वायरल हो रही ये खबर सच है?
तो आपको बता दें कि खबर पूरी तरह से फर्जी है और इसका कोई आधार नहीं है। केंद्र सरकार की पॉलिसी, योजनाओं, विभागों, मंत्रालयों से संबंधित गलत सूचनाओं और अफवाहों को रोकने के लिए प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो की फैक्ट चेक टीम करती है।
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#PIBFactCheck ने ट्वीट कर इस खबर को फर्जी बताया है। इस खबर का खंडन करते हुए #PIBFactCheck ने अपनी ट्वीट में लिखा है कि यह दावा फर्जी है। फार्मेसी अधिनियम और फार्मेसी प्रैक्टिस नियमों के अंतर्गत किसी भी फार्मेसिस्ट के लिए क्लीनिक खोलने का कोई प्रावधान नहीं है।
ये खबर हो रही थी वायरल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही इस खबर में भारत सरकार के फार्मेसी प्रैक्टिस एक्ट रेग्युलेशन 2015 में इसके प्रावधान की बात भी कही जा रही है। इस कानून के तहत जो फार्मासिस्ट मेडिकल स्टोरों पर काम कर रहे हैं वो अब एलोपैथिक डाक्टरों की तर्ज पर अपना खुद का क्लीनिक खोल सकेंगे।
इसके लिए उन्हें पीसीआई (फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया) में बैचलर इन फॉर्मेसी का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। इसके बाद क्लिनिक के बाहर बोर्ड पर नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ ही अपनी शैक्षणिक योग्यता लिखनी होगी। दावा किया जा रहा था कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।
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