Last Updated on October 10, 2024 by The Health Master
Sugar: दिनभर कितने चम्मच से ज्यादा न खाएं चीनी
भारत देश के अंदर जितने मीठे पकवान बनते हैं उतने तो शायद दुनियाभर में भी ना बनते हों। हमारे देश के ग्रामीण से लेकर शहरी इलाकों में भी जन्मदिन हो शादी या अन्य कोई समारोह, इन सभी के अंदर कुछ ना कुछ मीठा जरूर होता है।
यही नहीं खाने के बाद अक्सर हमें कुछ ना कुछ मीठा खाने को चाहिए होता है। इन सभी मीठे पदार्थों के अंदर टेबल शुगर, ग्रेन्यूलेटेड शुगर या रेगुलर शुगर का उपयोग किया जाता है।
यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के स्पॉन्सरशिप में प्रकाशित द इंडियन जर्नल ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन के एक शोध में भारत के अंदर चीनी की लत कितनी खतरनाक स्तर पर है इस बात का जिक्र किया गया है।
हाल ही में हुए इस अध्ययन के लेखक राजीव दासगुप्ता, राकेश पिल्लई, राकेश कुमार और नरेंद्र के अरोड़ा माइकल मॉस द्वारा ‘साल्ट शुगर फैट’ को लेकर उल्लेख किया है। इस लेख के अंदर चीनी और तंबाकू के संदर्भ पर बात की गई है।
आपको शायद पता ही न हो कि चीनी और तंबाकू दिमाग में एक ही तरह के रसायन के उत्पादन का कारण होते हैं। जिसे डोपामाइन कहा जाता है। यही नहीं भारत में चीनी का सेवन रिकॉर्ड स्तर पर किया जाता है जो बहुत डरा देने वाला है।
क्या कहते हैं आंकड़े
भारत के अंदर 2010 में ही प्रति व्यक्ति चीनी की खपत लगभग 55 ग्राम तक पहुंच चुकी है। जबकि सन 2000 में यह खपत महज 22 ग्राम प्रति व्यक्ति पर थी। इसका सीधा अनुमान बताता है कि भारत के अंदर हर साल एक व्यक्ति लगभग 18 किलोग्राम चीनी का सेवन करता है।
यही नहीं भारत के अंदर हर साल होने वाली 80 प्रतिशत मृत्यु की वजह मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग हैं। यह सभी रोग कहीं न कही चीनी से जुड़े हुए हैं।
अधिक मात्रा में रोजाना चीनी के सेवन से होती हैं ये बीमारियां
- टाइप 2 डायबिटीज को साधारण भाषा के अंदर शुगर ही कहा जाता है। यह खराब जीवन शैली और बेकार के खानपान की वजह है।
- भारत के अंदर दुनिया में सबसे ज्यादा टाइप 2 डायबिटीज के मरीज है।
- अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक साल 2017 के अंदर भारत में 72 लाख डायबिटीज के मामले रिकॉर्ड किए गए थे।
- 2045 तक डायबिटीज के यह मामले लगभग दोगुने हो जाएंगे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।
- रोजाना चीनी का अधिक सेवन पैंक्रियाज इंसुलिन का ज्यादा उत्पादन करेगा। जिसकी वजह से शरीर में मौजूद कोशिकाएं इंसुलिन का प्रतिरोध करने लगेगी।
कितना मीठा खाना सही
अगर आप सोच रहे हैं कि एक दिन में कितना मीठा खाया जा सकता है, तो इसका जवाब भी विशेषज्ञ ही दे रहे हैं। विशेषज्ञों की माने तो खुद को मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारी से बचने के लिए खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का सीमित सेवन करें।
ध्यान रहे कि आपको उन पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिनमें नेचुरल शुगर मौजूद हो, जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज आदि।
वही शोधकर्ता रामिनेनी ने अपने लेख में लिखा है कि सेहतमंद रहने के लिए जितना हो सके शुगर से बने हुए उत्पादों से दूरी बनाकर रखें। आप प्राकृतिक शुगर पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक दिन भर में केवल 6 चम्मच (25 grams) चीनी से जयादा नहीं खानी चाहिए
रिफाइंड शुगर की जगह खाएं ये चीजें
अपनी रसोई को ऐसी खाद्य पदार्थ से भर दीजिये जो आपकी शुगर क्रेविंग को भी शांत करे और स्वस्थ भी रखें। इसमें आप ड्राई फ्रूट्स, फल, साबुत अनाज, सीड्स शामिल कर सकते हैं
जैसे ही आप रिफाइंड शुगर से बनी चीजों का सेवन छोड़ प्राकृतिक शुगर युक्त पदार्थों का सेवन करने लगेंगे, तो आपको इन्हीं की आदत हो जाएगी और आप लंबे समय तक बीमारियों से बचे रहेंगे।
नोट – यह बात सही है कि रिफाइंड शुगर किसी सिगरेट की तरह ही नुकसानदायक है। लेकिन फिर भी अगर आप अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने का विचार बना रहे हैं तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
Blood Sugar test करते समय न करें ये 5 mistakes
Blood Sugar Testing Tips: इन बातों का रखें ख्याल
Normal Blood Sugar level: उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए: Must read
Mustard Oil: सरसों के तेल के ये अद्बुत फायदे: जानिए कैसे करें इसका…
Sleep: नींद की कमी से हो सकते है यें गंभीर परिणाम: Study
C-19 Delta Plus Variant: क्या हैं इसके लक्षण और बचने किए उपाए: Must read
Protein: शरीर में प्रोटीन की कमी: जानें क्या हैं इसके लक्षण: Must know
Exercise जो आपकी आंखों को बनाए रखेंगी हेल्दी और Attractive
For informative videos by The Health Master, click on the below YouTube icon:
For informative videos on Medical Store / Pharmacy, click on the below YouTube icon:
For informative videos on the news regarding Pharma / Medical Devices / Cosmetics / Homoeopathy etc., click on the below YouTube icon:
For informative videos on consumer awareness, click on the below YouTube icon: