Corona से सुरक्षित रहने में Antibody की क्‍या है भूमिका ? जानें Antibody की सारी details

हमारा शरीर किसी वायरस के लिए कितना तैयार है यह जानकारी हमें एंटीबॉडी टेस्‍ट (Antibody Test) की मदद से मिल सकती है. 

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Lab Laboratory Blood
Picture: Pixabay

Last Updated on August 30, 2021 by The Health Master

Corona से सुरक्षित रहने में Antibody की क्‍या है भूमिका ? जानें Antibody की सारी details

What is Antibody And  Antibody  Test: कोरोना महामारी के दौर में एंटीबॉडी और एंटीबॉडी टेस्‍ट के बारे में हमने बहुत सुना है.

अगर साधारण भाषा में कहें तो एंटीबॉडी (Antibody) शरीर में मौजूद ऐसा तत्‍व है जिसे हमारा इम्‍यून सिस्‍टम किसी भी बीमारी या वायरस से बचाने के लिए खुद तैयार करता है और शरीर को उस संक्रमण से सुरक्षा कवच बनाकर देता है.

हमारा शरीर किसी वायरस के लिए कितना तैयार है यह जानकारी हमें एंटीबॉडी टेस्‍ट (Antibody Test) की मदद से मिल सकती है. 

वेबएमडी के मुताबिक, एंटीबॉडी टेस्‍ट की मदद से ब्‍लड में मौजूद एंटीबॉडी की स्‍क्रीनिंग की जाती है.जब शरीर किसी संक्रमण जैसे कोविड से लड़ता है तो यह बनाता है. जब हम वैक्‍सीन लेते हैं तब भी यह काम करता है.

इस तरह शरीर वायरस के अगेन्‍स्‍ट इम्‍यूनिटी (Immune) बनाता है. यह टेस्‍ट शरीर में वायरस की जांच नहीं करता बल्‍की यह देखता है कि आपका शरीर इस वायरस के अगेस्‍ट काम कितना कर रहा है.विज्ञापन

दो तरह के होते हैं एंटीबॉडी

एंटी बॉडी दो तरह के होते हैं. पहला एंटीबॉडी हैंआईजीएम यानी इम्यूनोग्लोबुलिन एम और दूसरा है आईजीजी यानी इम्यूनोग्लोबुलिन जी.

आईजीएम एंटीबॉडी किसी  भी तरह के संक्रमण के लिए शरीर की शुरुआती प्रक्रिया है और यह संक्रमण के पहले चरण में विकसित होने लगता है.

जब मरीज कोविड से ग्रस्त होता है तो यह पहले हफ्ते में पॉजिटिव होता है और छह सप्ताह के अंदर यह खत्म हो जाता है. वहीं, आईजीज एंटीबॉडी से संक्रमण का देर से पता चलता है.

आईजीजी एंडीबॉडी शरीर में लंबे समय तक रहता है और प्रोटेक्‍शन देता है.

इस तरह की जाती है जांच

ब्‍लड टेस्‍ट की मदद से एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है. इसे सीरोलॉजिकल टेस्ट भी कहते हैं.

दरअसल यह कोरोना जांच की रिपोर्ट से जल्‍दी और आरटीपीसीआर की तुलना में सस्ता भी होता है. एंटीबॉडी परीक्षण की संवेदनशीलता दर 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत होती है.

प्लाज्मा थेरेपी से क्‍या है संबंध

कोरोना वायरस से पीड़ित जो लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं उनके ब्लड में जो एंटीबॉडीज बन जाती हैं उन्हें ही प्लाजमा कहा जाता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि  98 प्रतिशत से अधिक मरीजों में एंटीबॉडी विकसित होती हैं जबकि प्लाज्मा थेरेपी शुरू करने से पहले एंटीबॉडी परीक्षण की आवश्यकता होती है.

इस टेस्ट के फायदें

-यह टेस्ट कोविड का पता काफी तेजी से लगाता है.
-यह टेस्ट खर्च के मामले में भी सही माना जाता है.
-यह टेस्ट बहुत ही आसान माना जाता है.

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