Last Updated on January 3, 2021 by The Health Master
शोधकर्ताओं ने बहुत जल्दी virus (C-19 virus) की वैक्सीन बना दी है. एक ओर जहां वैक्सीन बनने में 15 साल तक का वक्त लग सकता था वहीं वैज्ञानिकों ने इस जल्द बना दिया है.
यूएस फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) की ओर से फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) और मॉडर्ना (Moderna) की vaccine को परमिशन दी गई है.
2020 के पहले कण्ठमाला के रोग के लिए वैक्सीन बनाने में लगभग 4 साल लग गए थे. इसी बीच अमेरिका (America) की एक एक्सपर्ट अमांडा होवेल (Amanda Howell) ने इन दोनों वैक्सीन (Vaccine) की तुलना की है.
ये तुलना इंटरनेट पर काफी वायरल हो रही है. इससे लोगों को जानकारी मिलेगी की इन दोनों वैक्सीन में फर्क क्या है.
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अमांडा ने अपने इंस्टाग्राम पर इन वैक्सीन से जुड़ी जानकारी को पोस्ट किया है. ये है वैक्सीन में प्रमुख अंतर-
- फाइजर को अमांडा ने 95 फीसदी कारगर बताया है जबकि मॉडेर्ना को 94.5 फीसदी कारगर बताया है.
- फाइजर की 30 एमसीजी डोज 21 दिन में एक बार दी जाती है जबकि मॉडेर्ना को 100 एमसीजी डोज 28 दिन के गैप में दी जाती है.
- फाइजर की 5 डोज की शीशी (vial) होती है जबकि मॉडेर्ना की 10 डोज की शीशी (vial) होती है.
- फाइजर को 0.9 फीसदी सोडियम क्लोराइड के साथ मिलाया जाता है वहीं मॉडेर्ना में किसी तरह की कोई मिलावट नहीं होती है.
- फाइजर वैक्सीन को -112 से -76 डिग्री फैरेनहाईट में रखा जाता है वहीं मॉडेर्ना को -13 से -5 डिग्री फैरेनहाईट के तापमान में रखा जाता है.
- फाइजर के ट्रायल में 36,621 लोग शामिल थे वहीं मॉडेर्ना में 30,350 लोग ट्रायल में मौजूद थे.
- फाइजर को 16 साल या उससे अधिक की उम्र के लोगों को लगाने की अनुमति मिली है वहीं मॉडेर्ना 18 साल से ऊपर के लोगों को लगाई जानी है.
- फाइजर को 10 दिसंबर 2020 को तीसरे फेज के बाद प्रभावी बताया गया था वहीं मॉडेर्ना को 30 नवंबर 2020 को तीसरे फेज में कारगर बताया गया था.
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