Last Updated on December 17, 2019 by The Health Master
रोहतक। स्वास्थ्य विभाग रोहतक और झज्जर की टीम ने दिल्ली की टीम के साथ वहां जनकपुरी में साईं नर्सिंग अस्पताल में लिंग जांच करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यहां महिला डॉक्टर ने 36 हजार रुपये में गर्भवती से बगैर पहचान पत्र लिए अल्ट्रासाउंड जांच की और उसके गर्भ में लडक़ी बताया।
टीम ने मौके पर महिला डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया। पीएनडीटी एक्ट के तहत महिला डॉक्टर व दलाल पर मामला दर्ज करते हुए नर्सिंग होम में मिली तीन अल्ट्रासाउंड मशीनों को सील कर पुलिस के हवाले कर दिया गया है। नर्सिंग होम का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है।
सिविल सर्जन रोहतक डॉ. अनिल बिरला को मिली गुप्त सूचना के आधार पर स्वास्थ्य विभाग रोहतक की टीम ने झज्जर की टीम के साथ मिलकर छापामारी की तैयारी की। चिकित्सा अधिकारी को जानकारी मिली थी कि रोहतक से कुछ महिलाएं लिंग जांच करवाने के लिए दिल्ली जाती हैं।
सूचना के आधार पर पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. विकास सैनी, डॉ. संजीव मलिक, डॉ. विशाल चौधरी ने एक दलाल से संपर्क साधा और 36 हजार रुपये में लिंग जांच करने का सौदा तय किया। दलाल किताबो ने गर्भवती महिला को मुंडका मेट्रो स्टेशन पर बुलाया और जांच के रुपये ले लिए।
इसके बाद महिला की जनकपुरी ले जाकर साईं नर्सिंग होम में भ्रूण लिंग जांच करवा दी। यहां डॉ. अंशु अरोड़ा ने बताया कि गर्भवती महिला के गर्भ में लडक़ी है। जांच से पहले डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन ने महिला से न कोई आईडी ली और न ही कहीं हस्ताक्षर करवाए। मौके पर स्टाफ से पता चला कि किताबो को डॉक्टर के पास जाने से कोई नहीं रोकता, वह सीधा जाती है। अक्सर किताबो मरीजों को लेकर दिखाने आती है।
इस अभियान में दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के पीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ. नितिन, नवीन कुमार, कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारका, डॉ. बीके, डॉ. अशोक व झज्जर से डॉ. अचल त्रिपाठी डिप्टी सिविल सर्जन पीएनडीटी झज्जर, डॉ. ममता सोनी, जोगेंद्र सैनी, सोनिया, कविता आदि ने इस छापामार मुहिम को सिरे चढ़ाया।