Last Updated on December 17, 2019 by The Health Master
नई दिल्ली। भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने बिना लाइसेेंस के ऑनलाइन दवा बेचने वालों पर सख्ती दिखा दी है। डीसीजीआई ने अपने निर्देश में राज्य के दवा नियामकों से दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार जरूरी कार्रवाई करने को कहा है।
अदालत ने पिछले साल दिसंबर में बिना लाइसेंस दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दी थी। किसी भी ऑनलाइन दवा विक्रेताओं को इस तरह का लाइसेंस जारी नहीं किया गया है क्योंकि फिलहाल इस क्षेत्र के विनियमन के लिए समग्र नियम नहीं हैं। ई-फार्मेसी कंपनियां मार्केट प्लेस मॉडल के तहत काम कर रही हैं और लाइसेेंसी दवा विक्रेताओं के साथ साझेदारी में चिकित्सक की पर्ची या प्राप्त ऑर्डर के आधार पर दवा की आपूर्ति करती है।
सूत्रों का दावा है कि अगर मौजूदा मॉडल को अनुमति दी जाती है तो फिर इस क्षेत्र के नियमन के लिए नियम बनाने की क्या जरूरत है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि ऑनलाइन फार्मेसी के विनियमन के लिए नियमों का मसौदा पिछले साल जारी किया गया था। हालांकि अभी इसे अधिसूचित नहीं किया गया है। ऐसे में जब तक इसे अधिसूचित नहीं किया जाता है, तब तक ई-फार्मेसी मॉडल को परिचालन की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
हाल ही में मंत्रिसमूह ने ई-फार्मेसी के लिए नियमन पर चर्चा की खातिर बैठक की थी।