लखनऊ। चीन में कोरोना वायरस के असर से फार्मा इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई है। कई दवाओं की कीमत बढ़ गई हैं।
फार्मा इंडस्ट्री ने अलर्ट जारी किया है कि हालात गहरे संकट के संकेत दे रहे हैैं।
केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन ऑफ यूपी के प्रवक्ता सुरेश कुमार के अनुसार कोरोना वायरस के कारण चीन से दवा निर्माण में जरूरी रॉ मैटेरियल नहीं आ पा रहा है।
वहीं, यूरोप से रॉ मैटेरियल मंगाना महंगा पड़ रहा है। इसका सबसे बड़ा असर जेनेरिक दवाओं पर पड़ रहा है। इसके चलते जनवरी-फरवरी में कई दवाओं की कीमतें बढ़ गई हैं।
व्यापरियों को महंगी दरों पर दवा खरीदनी पड़ रही है। वहीं, फार्मा इंडस्ट्री ने फरवरी के पहले सप्ताह में 33 दवाओं की ‘अलार्मिंग सिचुएशन’ लिस्ट जारी की।
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इसमें दवा शुल्क में हुई वृद्धि का हवाला दिया गया। इसमें क्लोरोफेनिकॉल में 17 फीसद, टेट्रा साइक्लिन में 12, एजिथ्रोमाइसीन में 44, सेफ्ट्रॉक्सिन में 31,क्लेव एविकल में 36, जेंटामाइसिन में 15, डॉक्सीसाइक्लिन में 16,
नॉरफ्लॉक्सिन में 11, ओफ्लॉक्सिन में 13, क्लेव सिलॉएड में 38, सिप्रोफ्लैक्जासिन में 40, डेक्सामेथासोनमें 45, अमाइकासीन 21, पैरासीटामाल में 72, सेफोटेक्साइम में 13, डाइक्लोफेनक सोडियम में 28, मेफीनेमिक एसिड में 17,
ब्रूफेन में 14, रेनीटीडिन में 8, एमॉक्सी सिलीन में 48, क्लोबेटा सोल में 6, ऑरनीडजोल में73, टिनीडेजोल 61, पेंटा पाउडर 33, ओमेप्रजोल पेलेट्स में 7, सेफेक्जमी ट्राइ हाइड्रेट में20, पेंटा प्रोजोल स्टेरिली में 7, क्लोटरी मजोल में 24,
ट्रामाडोल में 20, निमी सुलाइड में 167, ट्रिमेथो प्राइम में7, सुल्फामेथाजोल में 4, क्लोजा सिलीन 18 फीसद महंगी हुई है।