भगवानपुरा। स्वास्थ्य, राजस्व विभाग व पुलिस ने दो निजी क्लिनिक पर छापामार कार्रवाई की। सलाइन व गोलियां जब्त कर क्लिनिक सील कर दिए। कलेक्टर गोपालचंद्र डाड ने कोरोना संक्रमण के बीच आदिवासी क्षेत्र में निजी क्लिनिक बंद करा दिए थे। बावजूद यहां सर्दी, खांसी व बुखार के मरीजों का इलाज हो रहा था। कई लोग ऐसे हैं, जो दूसरे प्रदेशों से मजदूरी कर लौटे हैं।
बीएमओ डॉ. चेतन कलमे ने बताया नितिन गुप्ता व दीपेंद्रनाथ विश्वास अपने क्लिनिक पर इलाज कर रहे थे। संक्रमण फैलने की आशंका पर पंचनामा बनाकर क्लिनिक सील किए। विश्वास के क्लिनिक पर रखी गोली-दवाइओं पर धूल जमी थी। तहसीलदार केशिया सोलंकी ने फटकार लगाई। कुछ दवाइयां एक्सपायर्ड भी बताई जा रही हैं। 2 माह पहले विश्वास ने बालक का इलाज किया था। आरोप है उसके बाद उसकी आंख खराब हो गई थी।
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तब स्वास्थ्य टीम ने कार्रवाई कर मामले को पुलिस को सौंपा है। जांच चल रही है। गुप्ता के क्लिनिक से भी दवाई-गोली जब्त की गई। कार्रवाई में एसआई तिलक डकसे व पुलिस जवान मौजूद थे। स्वास्थ्य, राजस्व व पुलिस का दल गांव में संचालित 5 में से 2 क्लिनिक पर पहुंचे। लेकिन भगवानपुरा में कार्रवाई की सूचना के बाद यह क्लिनिक बंद कर चले गए थे।
ग्रामीणों ने कहा अन्य 3 क्लिनिक चल रहे थे। लेकिन दल सदस्य यहां नहीं पहुंचे। इस विषय पर भगवानपुरा के तहसीलदार केशिया सोलंकी ने कहा कि कलेक्टर ने कोरोना संक्रमण में सभी गांवों के निजी क्लीनिकों पर इलाज करने पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बाकी जगह भी टीम पहुंचकर कार्रवाई करेगी।
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