बिना अनुमति सैनिटाइजर बनाने पर VLCC का प्लांट हेड गिरफ्तार

Haridwar: Plant head of VLCC arrested for manufacturing sanitizer without permission

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Last Updated on July 2, 2020 by The Health Master

बिना अनुमति सैनिटाइजर बनाने पर VLCC का प्लांट हेड गिरफ्तार

हरिद्वार में वीएलसीसी (VLCC) कंपनी में बिना लाइसेंस के सैनिटाइजर बनाने के आरोप में आबकारी विभाग ने प्लांट हेड अशोक राजपूत को आबकारी अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि बिना अनुमति के सैनिटाइजर बनाने के लिए महाराष्ट्र और दिल्ली से पदार्थ आयात किया गया था। बुधवार दोपहर बाद आबकारी विभाग की टीम आरोपी को कोर्ट में पेश करने ले गई।

सिडकुल की वीएलसीसी कंपनी में आबकारी विभाग के अफसरों ने सोमवार देर शाम से ही डेरा डाल लिया था। अगले दिन तड़के तक चली पड़ताल में सामने आया था कि वीएलसीसी ने बिना अनुमति के सैनिटाइजर बनाया था।

करीब छह लाख लीटर सैनिटाइजर विभिन्न प्रदेशों में भेजा गया था जबकि एक लाख लीटर सैनिटाइजर कैंपस में ही मिला था, जिसे आबकारी विभाग ने जब्त कर लिया था। कंपनी ने सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस आठ जून को लिया था, लेकिन प्लांट में उत्पादन अप्रैल से ही चल रहा था।

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  • आबकारी अधिनियम के तहत की गई गिरफ्तारी, विभाग ने कंपनी में दो दिन तक की कार्रवाई 
  • छह लाख लीटर सैनिटाइजर विभिन्न प्रदेशों में भेजा गया, मौके से मिला था एक लाख लीटर

मंगलवार को आबकारी निरीक्षक लक्ष्मण सिंह बिष्ट ने प्लांट हेड अशोक राजपूत पुत्र ओमप्रकाश निवासी रघुनाथ सोसायटी बहादराबाद के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 63 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। बुधवार को आबकारी विभाग की टीम ने आरोपी प्लांट हेड को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि बिना लाइसेंस के सैनिटाइजर बनाने के लिए स्प्रिट महाराष्ट्र और दिल्ली से खरीदे गए थे। जिला आबकारी अधिकारी पवन सिंह ने बताया कि आरोपी प्लांट हेड को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जा रहा है। 

एक वर्ष की सजा का प्रावधान

बिना लाइसेंस के सैनिटाइजर बनाने का आरोप साबित होने पर वीएलसीसी के प्लांट हेड अशोक राजपूत को एक वर्ष की सजा हो सकती है। आबकारी अधिनियम के तहत इस धारा में एक वर्ष की सजा का प्रावधान है।

निदेशकों तक भी पहुंचेगी जांच की आंच

सैनिटाइजर के इस अवैध कारोबार की जांच की आंच कंपनी के निदेशकों तक भी आ सकती है। जिला आबकारी अधिकारी पवन सिंह ने बताया कि अभी जांच जारी है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई तय है। मामले में कंपनी के निदेशकों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। 

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