Remdesivir, Tocilizumab दवाओं का अत्यधिक इस्तेमाल फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है: ICMR

Excessive use of Remdesivir and Tocilizumab may cause harm

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ICMR Indian Council of Medical Research
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Last Updated on January 14, 2024 by The Health Master

नई दिल्ली: 

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और एम्स ने राज्यों से कहा है कि कोविड-19 रोगियों पर अनुसंधान पद्धतियों के रूप में रेमडेसिविर (Remdesivir) और टोसिलिजुमैब (Tocilizumab ) जैसी दवाओं का इस्तेमाल पूरी तरह तय प्रोटोकॉल के हिसाब से ही किया जाए क्योंकि इनका अत्यधिक उपयोग या अवांछनीय स्थितियों में उपयोग फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि आईसीएमआर और एम्स ने शुक्रवार को राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 का उपचार व्यापक रूप से सहयोगात्मक प्रणालियों पर आधारित है क्योंकि अभी तक इसका कोई इलाज नहीं है.

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मंत्रालय के अनुसार उन्होंने राज्यों से कहा कि ‘अनुसंधान पद्धतियों’ के तौर पर निर्दिष्ट दवाओं का इस्तेमाल सावधानी से ही किया जाना चाहिए क्योंकि उनका यकृत और गुर्दे समेत अन्य अंगों पर गंभीर प्रतिकूल असर हो सकता है. राज्यों को इस सम्मेलन में यह भी बताया गया कि रेमडेसिविर को लेकर उपलब्ध साक्ष्य सुझाते हैं कि कम गंभीर से गंभीर मामलों में इस्तेमाल किये जाने पर इसमें नैदानिक सुधार का समय कम हो सकता है. हालांकि मंत्रालय ने कहा कि मृत्यु दर कम होने के मामले में कोई फायदा नहीं हुआ है.

बयान में कहा गया, ‘‘इसी तरह टोसिलिजुमैब पर अध्ययन में भी मृत्यु दर कम होने में कोई फायदा नहीं दिखाई दिया है.” मंत्रालय ने कहा कि जिन दवाओं को परीक्षण के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, उन्हें उचित स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में ही उपयोग किया जाना चाहिए जहां रोगियों पर करीब से नजर रखी जा सके ताकि किसी जटिलता की स्थिति से निपटा जा सके.

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