Sleep: नींद की कमी से हो सकते है यें गंभीर परिणाम: Study

सीएनएन हेल्थ पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग रात में ठीक से नहीं सो पाते हैं या कम नींद लेते हैं उनमें डिमेंशिया (Dementia) नामक बीमारी होने का रिस्क काफी बढ़ जाता है.

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Health sleep
Picture: Unsplash

Last Updated on May 25, 2023 by The Health Master

Sleep- पर्याप्त नींद (Sound Sleep) इंसान के शरीर की जरूरत है. डॉक्टर भी सामान्य इंसान को 6 से 8 घंटे की नींद लेने की सलाह देते हैं.

पर्याप्त नींद लेने से बॉडी क्लॉक (Body Clock) सही रहती है और इसका प्रभाव हमारी पूरी जीवनशैली पर व्यापक तरीके से पड़ता है. वहीं अगर रात में बेहतर नींद नहीं आती है तो यह कई सारी शारीरिक और मानसिक समस्याओं की वजह बन सकता है. 

सीएनएन हेल्थ पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग रात में ठीक से नहीं सो पाते हैं या कम नींद लेते हैं उनमें डिमेंशिया (Dementia) नामक बीमारी होने का रिस्क काफी बढ़ जाता है.

इसके अलावा भी कम नींद लेने से बॉडी क्लॉक पर विपरीत प्रभाव पड़ता है जिसके कारण कई ऐसे कारण पैदा हो जाते हैं जो जल्दी मौत की वजह बनते हैं.

इस सिलसिले में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन इंस्ट्रक्टर रेबिका रोबिन्सन का कहना है कि स्टडी में जो तथ्य सामने आए हैं उन्हें देखते हुए ऐसा लगता है कि हर रात की नींद हमारे जीवन के लिए बेहद अहम है. पूरी नींद लेने से हमारा न्यूरोलॉजिकल सिस्टम ठीक तरह से काम करता है और असमय मौत का खतरा भी काफी कम हो जाता है.

Health Sun Lady
Picture: Pixabay

विश्व भर में कम नींद लेने के कारण और डिमेंशिया के कारण जल्दी होने वाली मौतों के बीच की कड़ी एक्सपर्ट्स के लिए वाकई परेशान करने वाला है.

वर्ल्ड स्लीप सोसायटी का इस सिलसिले में कहना है कि विश्व की 45 प्रतिशत जनसंख्या के लिए कम नींद लेना वाकई सेहत के लिए काफी खतरनाक है. 

रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि, 5 से 7 करोड़ अमेरिकी नागरिक स्लीप डिसऑर्डर, स्लीप एप्निया, इंसोमेनिया और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम जैसी बीमारियों का शिकार है.

सीडीएस ने इसे पब्लिक हेल्थ प्रॉब्लम करार दिया है. इसकी वजह है कि कम नींद लेने की इस समस्या का जुड़ाव शुगर, स्ट्रोक, कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों और डिमेंशिया से भी है.

एक्सपर्ट्स ने इस स्टडी के लिए साल 2011 से 2018 के बीच कई लोगों की स्लीपिंग हैबिट का डाटा जुटाया और इसकी जांच की. यह बात सामने आई कि जिन लोगों की अनिद्रा की शिकायत थी उन्हें लगभग हर रात ऐसे परेशानियों को झेलना पड़ रहा था.

बता दें कि जर्नल ऑफ स्लीप रिसर्च में छपी इस शोध का विश्लेषण नेशनल हेल्थ एंड एजिंग स्टडी द्वारा किया गया है.

Age groupRecommended amount of sleep
Infants 4 months to 12 months12 to 16 hours per 24 hours, including naps
1 to 2 years11 to 14 hours per 24 hours, including naps
3 to 5 years10 to 13 hours per 24 hours, including naps
6 to 12 years9 to 12 hours per 24 hours
13 to 18 years8 to 10 hours per 24 hours
Adults7 or more hours a night

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