Last Updated on May 27, 2023 by The Health Master
Acupressure और Acupuncture
Acupressure And Acupuncture: एक्यूप्रेशर (Acupressure) और एक्यूपंक्चर (Acupuncture) का नाम तो हम सभी ने कभी ना कभी सुना ही है. हमें यह भी पता है कि इनका मेडिकल फील्ड में इन दिनों खूब प्रयोग किया जा रहा है.
लेकिन इन दोनों में अंतर (Difference) क्या है और दोनों का प्रयोग का तरीका और उपचार कितना अलग अलग है ये हम नहीं जानते.
हेल्थसाइट के मुताबिक, दरअसल ये दोनों ही पद्धतियां पारंपरिक चीनी चिकित्सा पद्धति से आई हैं जहां इनका प्रयोग करीब 6000 साल से किया जा रहा है. आज ये पद्धति पूरी दुनिया में प्रचलित हो चुकी है.
एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर से कई बीमारियों का इलाज किया जा रहा है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इलाज के इन तरीकों में ज्यादा वक्त जरूर लगता है लेकिन इनका साइड इफेक्ट नहीं होता. तो आइए जानते हैं इन दोनों चिकित्सा पद्धतियों के बारे में.
क्या है एक्यूपंक्चर
एक्यू चीनी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है पॉइंट. हमारे शरीर में कुल 365 एनर्जी पॉइंट होते हैं. इन पॉइंट्स पर बारीक सूई से पंक्चर (छेद) कर इलाज किया जाता है.
इसलिए इसे एक्यूपंक्चर कहा जाता है. एक्यूपंक्चर को मेडिकल साइंस माना जाता है. डब्ल्यूएचओ ने भी एक्यूपंक्चर को असरदार बताया है. इसकी मदद से इलाज करने के लिए लाइसेंस होना जरूरी होता है.
क्या है एक्यू प्रेशर
एक्यूप्रेशर में अंगूठों और उंगलियों की मदद से शरीर के खास पॉइंट्स को दबाया जाता है. ऐसा करने से अगर नर्व या नसों की समस्या है तो एक्यूप्रेशर से फायदा हो सकता है.
एक्यूप्रेशर में हर पॉइंट को दो-तीन मिनट दबाना होता है जिसे आप खुद भी सीख कर कर सकते हैं. आमतौर पर पांच से छह सेशन में इसका असर दिखने लगता है और 15 से 20 सिटिंग्स में पूरा आराम मिलता है.
किन चीजों में फायदेमंद
आप इन दोनों की मदद से पुराने सिर दर्द, बैक पेन, नेक पेन, अर्थराइटिस, नौसिया, इनसोम्निया, पीरियड पेन, माइग्रेन आदि का इलाज कर सकते हैं.
इसके अलावा आप अपने इमोशन डिसऑडर यानी एनजाइटी, डिप्रेशन आदि का भी इलाज इससे करा सकते हैं. हालांकि बेहतर होगा कि आप इस पद्धतियों को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें.
खास टिप्स जिन्हें आप खुद भी कर सकते हैं
-हमारे शरीर के कुल 365 पॉइंट्स में से कुछ ऐसे हैं जो काफी असरदार हैं और कई तरह की बीमारियों में राहत दिलाते हैं.
– मिट्टी में रोजाना 10-15 मिनट नंगे पैर चलें. नंगे पैर चलने से तलुवों में मौजूद पॉइंट्स दबते हैं जिससे खून का दौर बढ़ता है.
– हफ्ते में दो बार सिर में 5-10 मिनट अच्छी तरह तेल से मसाज करें. डिप्रेशन से लेकर मेमरी लॉस, पार्किंसंस जैसी दिक्कतों में मदद मिलती है.
– कान के नीचे वाले हिस्से (इयर लोब) की रोजाना पांच मिनट मालिश करें तो याददाश्त बेहतर होती है.
-नहाते समय रोज तलवों को ब्रश से 4-5 मिनट तक अच्छी तरह रगड़ें.
– जीभ रोजाना अच्छी तरह ब्रश या उंगलियों से रगड़ें. यहां हार्ट, किडनी आदि के पॉइंट होते हैं.
– रोजाना 5-7 मिनट तालियां बजाएं. हाथों में भी एक्युप्रेशर पॉइंट होते हैं जो कई तरह से सेहत को ठीक करते हैं.
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