Therapeutic Fasting और Intermediate Fasting में क्या है अंतर: Let’s know

लोग अपना वजन घटाने के लिए फेड डाइट लेते हैं, इस डाइट में ऐसे फूड को शामिल किया जाता है जिनमें बहुत ही कम मात्रा में फैट होता है.

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Food sprouts
Picture: Pixabay

Last Updated on June 15, 2023 by The Health Master

Therapeutic Fasting और Intermediate Fasting में अंतर:

Intermediate Fasting

अपना वजन घटाने के लिए लोग आजकल इंटरमीडिएट फास्टिंग का सहारा ले रहे हैं. इसमें 16 घंटे फास्टिंग की जाती है और बचे 8 घंटे के दौरान ही खाया जा सकता है.

हालांकि कई न्यूट्रीशनिस्ट इंटरमीडिएट फास्टिंग करने की सलाह नहीं देते. वहीं इन दिनों थैरेपीयूटिक फास्ट (चिकित्सीय उपवास) के जरिये भी कई लोग वेट लॉस कर रहे हैं.

Therapeutic Fasting

थैरेपीयूटिक फास्ट मॉडिफाइड फास्टिंग प्रोसेस है जिसमें लोग वेजिटेबल सूप, फल और हर्बल टी के साथ शहद और ज्यादा से ज्यादा पानी को अपनी डाइट में शामिल करते हैं. इस दौरान कई लोग चाय कॉफी या ग्रीन टी को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं जो गलत है.

Health Mud
Picture: Unsplash

ये आपका  थैरेपीयूटिक फास्ट तोड़ सकता है. ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ये कहना है लाइफस्टाइल कोच ल्यूक कॉटिन्हो ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर इसे लेकर एक पोस्ट शेयर किया है.

उन्होंने अपने पोस्ट में सवाल करते हुए लिखा कि, क्या कॉफी, चाय, नींबू पानी, बीसीसीए, यानी ब्रांच चैन अमीनो एसिड जिसे मसल्स बनाने और वर्कआउट की थकान कम करने के लिए लिया जाता है, और ग्रीन टी आपके थैरेपीयूटिक फास्ट को तोड़ती है?

इस सवाल का जवाब भी उन्होंने अपनी ही पोस्ट में दिया है. उन्होंने जवाब में लिखा ‘हां’. कुछ भी जो आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को शुरू करने के लिए उत्तेजित करता है और फिर एसिड को स्टिम्युलेट करने के लिए उसे तोड़ देता है. ये चाय कॉफी केवल Fad Diet में लिया जा सकता है.

लोग अपना वजन घटाने के लिए फेड डाइट लेते हैं, इस डाइट में ऐसे फूड को शामिल किया जाता है जिनमें बहुत ही कम मात्रा में फैट होता है.

अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के कैप्शन में ल्यूक कॉटिन्हो ने लिखा, किसी भी डाइट को या तो सही तरीके से करें या फिर ना करें या फिर उसे डाइट का नाम ही ना दें. उन्होंने लिखा कि इंटरमीडिएट फास्टिंग करके खुद को 16:8 के डिब्बे में बंद न करें, ये आपके लिए कम या ज्यादा हो सकता है.

ये आपका बॉडी टाइप, जीवन शैली और काम पर निर्भर करता है. कोई भी कॉफी या स्ट्रांग कॉफी पर उपवास रख सकता है, फिर उसे उपवास नहीं कहेंगे. कैफीन लेकर व्रत रखना इलॉजिकल है. व्रत में ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, प्रकृति को समझें और इससे सिंपल ही रहने दें.

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