Last Updated on September 26, 2021 by The Health Master
Antibiotic की कितनी dose देनी है मरीज को, अब सांस से चलेगा पता
Required Dose Of Antibiotic : हमारे शरीर को लगने वाले किसी तरह के इंफैक्शन से बचाव के लिए या उसके इलाज में एंटीबायोटिक (Antibiotic) की अहम भूमिका होती है. लेकिन इसके लिए एंटीबायोटिक की डोज कितनी दी जाए ये भी जरूरी है.
क्योंकि कम डोज कीटाणुओं में दवाओं खिलाफ इम्यूनिटी बनने का खतरा रहता है, वहीं ज्यादा डोज से कई तरह के अन्य साइडइफैक्ट होने का खतरा रहता है. ऐसे अगर ये जानकारी हो कि एंटीबायोटिक का कितना लेवल होना चाहिए, तो बहुत हद तक इस समस्या का समाधान हो सकता है.
दैनिक जागरण में छपी रिपोर्ट के अनुसार, इस दिशा में जर्मनी की यूनिवर्सिटी आफ फ्रीबर्ग (University of Freiburg) के इंजीनियरों और बायो टेक्नोलाजिस्ट की एक टीम ने पहली बार यह प्रदर्शित किया है कि स्तनधारी प्राणियों (Mammals) में सांस के नमूने से शरीर में एंटीबायोटिक का लेवल मापा जा सकता है.
यह स्टडी ‘एडवांस्ड मटैरियल्स’ जर्नल में प्रकाशित हुई है. इसमें बताया गया है इसके जरिये रक्त में एंटीबायोटिक कंसंट्रेशन (सांद्रता) का भी पता लगाया जा सकता है.विज्ञापन
मल्टीप्लेक्स चिप से बना बायो सेंसर
रिपोर्ट में आगे लिखा है कि रिसर्च करने वालों की टीम ने इसके लिए एक बायो सेंसर (Bio Sensor) का निर्माण किया है, जो कि एक मल्टीप्लेक्स चिप से बना है और ये एकसाथ कई सैंपल में कई पदार्थो की जांच कर सकता है.
रिसर्चर्स (शोधकर्ताओं) का दावा है कि ये बायो सेंसर सिंथेटिक प्रोटीन आधारित है, जो एंटीबायोटिक्स से प्रतिक्रिया कर करंट (प्रवाह) में बदलाव पैदा करता है.
प्लाज्मा पर उतना ही सटीक परिणाम
शोधकर्ताओं का कहना है फ्यूचर में इस तरह के टेस्ट का इस्तेमाल इंफैक्शन से लड़ने के लिए व्यक्ति को दी जाने वाले एंटीबायोटिक की डोज के निर्धारण में किया जा सकता है. इससे बैक्टीरिया के प्रतिरोधी स्ट्रेन (Resistant strains) डेवलप होने के रिस्क को कम किया जा सकता है.
रिसर्च करने वालों ने इस बायो सेंसर का टेस्ट एंटीबायोटिक्स दिए गए सुअरों के ब्लड, प्लाज्मा, यूरिन, स्लाइवा व सांस पर किया है. इसके परिणाम को प्लाज्मा पर उतना ही सटीक पाया गया, जितना कि मानक मेडिकल प्रयोगशाला प्रक्रिया (Standard Medical Laboratory Procedures) में होता है. जबकि इसके पहले छोड़ी गई सांस के नमूने से एंटीबायोटिक का लेवल मापना संभव नहीं था.
रिसर्च टीम के प्रमुख डाक्टर कैन डिंसर (Dr Can Dincer) के अनुसार अब तक सांस से सिर्फ एंटीबायोटिक्स की मौजूदगी का पता लगाया जा सकता था. लेकिन हमारे माइक्रोफ्लूडिक चिप (Microfluidic chip) के जरिये सिंथेटिक प्रोटीन से हम सांस में न्यूनतम कंसंट्रेशन का भी पता लगा सकते हैं और उसे ब्लड वैल्यू के साथ जोड़ा जा सकता है.विज्ञापन
क्यों जरूरी है दवा की डोज तय करना
किसी भी बीमारी के इलाज में डाक्टरों के लिए किसी व्यक्ति विशेष के लिए एंटीबायोटिक्स का लेवल तय करना जरूरी होता है. और ये तय होता है रोगी के घाव, आर्गन फेल्यर या मौत के रिस्क के आधार पर.
कम मात्र में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल बैक्टीरिया को रूपांतरित (म्यूटेट) होने का मौका देता है, जिससे बैक्टीरिया दवा के प्रति प्रतिरोधी क्षमता विकसित कर लेता है और उस दवा का असर कम हो जाता है.
बायो सेंसर कैसे करता है काम
माइक्रोफ्लूडिक बायो सेंसर (Microfluidic Bio Sensor) में मौजूद प्रोटीन पेनिसिलिन (protein penicillin) एंटीबायोटिक्स के बीटा-लैक्टम को पहचान सकता है. नमूने में एंटीबायोटिक तथा एंजाइम से जुड़ा बीटा लैक्टम में बैक्टीरियल प्रोटीन को बांधने की प्रतिस्पर्धा रहती है.
इससे बैट्री की तरह करंट चेंज पैदा होता है. सैंपल में ज्यादा एंटीबायोटिक होने पर एंजाइम उत्पाद कम मात्र में पैदा होता है, जिससे करंट का मापन किया जा सकता है.
यह एक नेचुरल रिसेप्टर प्रोटीन बेस्ड प्रोसेस है, जिसका इस्तेमाल प्रतिरोधी बैक्टीरिया एंटीबायोटिक्स से होने वाले खतरे का पता लगाने के लिए करता है. रिसर्चर्स का कहना है कि इसके आधार पर हम कह सकते हैं कि हमने बैक्टीरिया को उसके ही खेल में मात दी है.
FSSAI से जानें असली नमक की पहचान, मिलावटी नमक खाने से बचे: Must know
Is it Covid-19 or Dengue ? Here’s how to differentiate
Hair Conditioners: Myths and Facts related to them
Vaccine की दोनों Dose लेने के बाद कोरोना का कितना है…
Average Indian diet don’t have sufficient nutrition: study
Vitamin B 12 की कमी के संकेत, दूर करने के लिए क्या खाएं: Must…
For informative videos by The Health Master, click on the below YouTube icon:
For informative videos on Medical Store / Pharmacy, click on the below YouTube icon:
For informative videos on the news regarding Pharma / Medical Devices / Cosmetics / Homoeopathy etc., click on the below YouTube icon:
For informative videos on consumer awareness, click on the below YouTube icon: