दवाइयां जांच में मिली फेल: 6 कंपनियों को नोटिस

Medicines declared not of standard quality: Notice to 6 manufacturers

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NSQ Drugs
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Last Updated on October 24, 2024 by The Health Master

बीबीएन(हप्र)। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल स्थित छह फार्मा में बनी दवाइयां मानकों पर खरी नहीं उतर पाई हैं। ये उद्योग बद्दी, ऊना व कांगड़ा में स्थापित हैं। इसके अलावा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व गोवा के दवा उद्योगों में निर्मित 14 तरह की दवाएं भी गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतर पाई हैं।

जो दवाएं सब-स्टेंडर्ड पाई गई हैं, उनमें कैल्शियम, विटामिन, एलर्जी, एंटीबायोटिक, यूरिनरी इन्फेक्शन, घबराहट व थायराइड के उपचार की दवाएं शामिल हैं। बता दें कि जून माह में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने देश भर के अलग-अलग राज्यों से 790 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिनमें से जांच के दौरान 20 दवाएं सब-स्टैंडर्ड पाई गईं, जबकि 770 दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर सही पाई गई हैं।

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हिमाचल में बनी दवाओं में निट्रोवेक्ट-100, ओडीटोन एमडी-8, थायरोक्सीन सोडियम टैबलेट, एमोक्सलीन एंड पोटाशियम कैल्वोनेट, कैल्शियम एंड विटामिन डी-3 के दो सैंपल फेल हुए हैं। सीडीएससीओ के ड्रग अलर्ट के बाद राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने हरकत में आते हुए सबंधित दवा उद्योगों को जारी कर बाजार से फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच हटाने के आदेश जारी कर दिए है।

बता दें कि सीडीएससीओ के जून माह के ड्रग अलर्ट में हिमाचल के छह उद्योगों में निर्मित दवाएं सब-स्टैंडर्ड पाई गई हैं, जिनमें उना के मैहतपुर स्थित उद्योग में निर्मित निट्रोवेक्ट-100 कैप्सूल, कांगड़ा के संसारपुर टैरेस स्थित दवा उद्योग में निर्मित ओडीटोन एमडी-8, बद्दी के झाड़माजरी के दवा उद्योग में निर्मित थाईरोक्सीन सोडियम टैबलेट, बद्दी के ठेड़ा स्थित उद्योग में निर्मित एमोक्सलीन एंड पोटाशियम कैल्वोनेट, बद्दी के एचपीएसआईडीसी स्थित उद्योग की कैल्शियम व विटामिन डी-3 टैबलेट शामिल है।

दवाइयों के ये सैंपल सीडीएससीओ बद्दी, ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी बद्दी, हैदराबाद, गोवा, गाजियाबाद, कोलकाता, बिहार, मिजोरम, मुंबई व केरल ने जांच के लिए जुटाए थे, जिनका सीडीएल की लैब में परीक्षण करवाया गया जहां 20 दवाएं सब-स्टैंडर्ड निकली हैं। राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण के डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि सबंधित फार्मा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस दिए हैं। उन्हें सब-स्टैंडर्ड दवा का पूरा स्टॉक बाजार से हटाने के आदेश भी दिए गए हैं।

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