Heart attack: bathroom में आते है ज्यादातर Heart Attack – न करे ये गलती

गौरतलब है कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का सीधा संबंध हमारे खून से होता है. खून के जरिए हमारे शरीर में ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व पहुंचते हैं.

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Picture: Pixabay

Last Updated on January 4, 2023 by The Health Master

Heart attach: bathroom में आते है ज्यादातर Heart Attack

हार्ट अटैक (Heart Attack) या कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) आज के दौर में लोगों के लिए सबसे गंभीर समस्या बन गया है.

हार्ट अटैक (Heart Attack) अचानक ही होता है और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. हार्ट अटैक आने का कोई निर्धारित समय या मौसम नहीं नहीं होता है.

हालांकि, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सबसे ज्यादा हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट सुबह के समय बाथरूम के अंदर आते हैं.

क्या होता है हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट

गौरतलब है कि हार्ट अटैक (Heart Attack) और कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) का सीधा संबंध हमारे खून से होता है. खून के जरिए हमारे शरीर में ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व पहुंचते हैं.

जब हमारे हृदय तक ऑक्सीजन पहुंचाने वाली धमनियों में ब्लॉक जमने की वजह से रुकावट पैदा होने लगती है तो दिल की धड़कन की रफ्तार असंतुलित हो जाती है. ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक (Heart Attack) या कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) आ जाता है.

बाथरूम में हार्ट अटैक आने के कारण

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हार्ट अटैक के सबसे ज्यादा केस बाथरूम में ही होते हैं. दरअसल बाथरूम में हार्ट अटैक (Heart Attack Symptom) आने के पीछे बहुत से कारण होते हैं. आपको इन वजहों के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए ताकि आप खुद को और अपने परिवार को इससे सुरक्षित रख सकें.

प्रेशर से बढ़ती है आशंका

जब हम सुबह के समय टॉयलेट जाते हैं तो पेट को पूरी तरह से साफ करने के लिए प्रेशर लगाते हैं. ध्यान दें, इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल करते वक्त लोग अधिक प्रेशर लगाते दिखाई देते हैं. इस प्रेशर से हमारे दिल की धमनियों पर अधिक दबाव पड़ता है. इससे हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट आने की आशंका ज्यादा होती है.


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तापमान का भी होता है असर

बाथरूम का तापमान हमारे घर के अन्य कमरों के मुकाबले अधिक ठंडा रहता है. यहां पानी का फ्लो बार-बार होता रहता है. ऐसी स्थिति में शरीर के तापमान को संतुलित करने और ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) को बनाए रखने के लिए अधिक मेहनत की जरूरत पड़ती है. दिल का दौरा पड़ने का यह एक बड़ा कारण होता है.

ब्लड प्रेशर से पड़ता है फर्क

सुबह के समय हमारा ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) थोड़ा हाई होता है. ऐसे में जब हम नहाने के लिए अधिक ठंडा या गर्म पानी सीधा सिर पर डाल देते हैं तो इससे ब्लड प्रेशर और बढ़ जाता है. इस वजह से बाथरूम में हार्ट अटैक (Heart Attack In Washroom) आने का खतरा बढ़ जाता है.

​​हार्ट अटैक से बचाव के तरीके

​​1. हार्ट अटैक (Heart Attack) के जोखिम के बाद अब हमारा यह जान लेना जरूरी है कि इससे कैसे बचा जा सकता है. अगर आप इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं तो ज्यादा देर तक एक ही पोजिशन में न बैठें. इससे आप हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के जोखिम से बच सकते हैं.

2. नहाते समय पानी के तापमान के हिसाब से सबसे पहले पैरों के तलवों को भिगोएं. इसके बाद हल्का पानी सिर पर डालें. इससे आपके शरीर और बाथरूम के तापमान में संतुलन बन जाएगा. 

3. टॉयलेट में पेट साफ करने के लिए न तो अधिक जोर लगाएं और न ही जल्दबाजी दिखाएं. टॉयलेट में थोड़ा समय लें.

4. नहाते समय अगर आप बाथ टब का इस्तेमाल करते हैं तो इसका असर भी आपकी धमनियों पर पड़ता है. इसलिए अधिक समय तक बाथ टब में न बैठें.

हार्ट अटैक के लक्षण

​हार्ट अटैक (Heart Attack Symptom) अचानक होने वाली समस्या है. इसलिए ये जरूरी है कि आप इसके लक्षण (Heart Attack Symptoms) को जान लें ताकि किसी में कभी ऐसे लक्षण दिखें तो आप जान सकें कि ये ​हार्ट अटैक है:

1. सीने में तेज दर्द होना
2. सांस लेने में परेशानी आना
3. कमजोरी महसूस करना
4. डायबिटीज (Diabetes) के पेशेंट को कई बार बिना कोई लक्षण दिखे भी हार्ट अटैक आ जाता है. इसे साइलेंट हार्ट अटैक (Silent Heart Attack) कहा जाता है.
5. तनाव और घबराहट होना भी हार्ट अटैक का लक्षण है.
6. चक्कर या उल्टी आना भी हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है.

​हार्ट अटैक आने पर तुरंत क्या करें?

अगर किसी में ​हार्ट अटैक (Heart Attack Ke Upchar) के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत सावधान हो जाएं और ये उपाय करें:

1. किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आए तो उसे सबसे पहले जमीन पर लिटा दें.
2. अगर व्यक्ति ने अधिक टाइट कपड़े पहने हैं तो उन्हें खोल दें.
3. इस बात का ध्यान रखें कि लेटते समय व्यक्ति का सिर थोड़ा ऊपर की ओर हो.
4. एंबुलेंस के लिए तुरंत फोन करें.
5. हाथ-पैर को रगड़ते रहें.


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। The Health Master इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले, संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।


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