Last Updated on October 23, 2024 by The Health Master
फरीदाबाद। जिले के औषधी नियंत्रक विभाग ने आज अवैध रुप से सप्लाई के लिए फरीदाबाद में लाई गई नशीली दवाओं का एक बड़ा जखीरा बरामद कर इस काम में लगे दो दवा तस्करों को पकड़ने में सफलता हासिल की है।
कोसी कलां से लाकर फरीदाबाद में करते थे नशीली दवाओं का धंधा
यह दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश के कोसी कलां से नशीली दवाएं लाकर यहां पर मैडीकल स्टोरों को सप्लाई किया करते थे। विभाग की शिकायत पर पुलिस ने दोनो आरोपियों के खिलाफ एन डी पी एस एक्ट के तहत मामला दर्ज हिरासत में ले लिया है।
इस बिषय में अधिक जानकारी देते हुए खाद्य एवं औषधी प्राधिकरण के वरिष्ठ औषधी नियंत्रक अधिकारी करण गोदारा ने बताया कि उनको काफी समय से इस प्रकार की शिकायतें मिल रहीं थी कि कुछ लोग बाहर से आते हैं और मैडीकल स्टोरों पर नशीली दवाओं की सप्लाई करते हैं, उनको न तो मैडीकल स्टोर वाले पहचानते हैं और न ही कोई अन्य।
जिस पर विभाग काफी समय से काम कर रहा था और आज सूचना मिली कि नशीली दवाओं के यह सौदागर आज सेक्टर आठ की तरफ नशीली दवाओं की सप्लाई के लिए आ सकते हैं। जिस पर उन्होंने फरीदाबाद के औषधी निरीक्षक संदीप गहलान तथा पलवल के औषधी निरीक्षक कृष्ण कुमार गर्ग को अपने साथ लिया और सेक्टर आठ के आस-पास के क्षेत्र में अपनी नजरे लगा दी।
इस दौरान उनको शक हुआ तो उन्होने सेक्टर आठ स्थिति सूरदास पार्क के पास एक कार को रोका और देखा तो दंग रह गए, यह पूरी कार नशील दवाओं से भरी पडी थी। इतनी भारी संख्या में नशीली दवाओं की उम्मीद उनको भी नहीं थी और नशीली दवाओं का जखीरा देख कर उन्होंने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित किया। जिसके बाद उन्होंने पाया कि इस कार की पिछली सीट तथा डिक्की पूरी तरह से नशीली दवाओं से भरी पडी थी।
करण गोदारा ने बताया कि जिसके बाद उन्होंने इन दवाओं की चैकिंग शुरू की तो पाया कि इनमें कोडीन सिरप की दस पेटी अर्थात 1440 बोतल, दस डिब्बे एल्प्राजोलम कुल 4500 गोलियां, किटामीन इंजेक्शन 200 वायल प्रत्येक दस एमएल की शािमल थीं।
उल्लेखनीय है कि किटामीन इंजेक्शन ऐसी नशीली दवा है जो कि किसी भी मैडीकल स्टोर पर नहीं बेची जाती क्योंकि इसके लिए अलग से सिडयूल एक्स के तहत लाईसेंस लेना होता है क्योंकि यह इंजेक्शन आप्रेशन से पहले मरीज को बेहोश करने के लिए दिया जाता है और इसको लगा भी विशेषज्ञ डाक्टर ही सकते हैं।
करण गोदारा के अनुसार फरीदाबाद जिले के बडे अस्पतालों को छोड दियाजाए तो इस इंजेक्शन बेचने का लाईसेंस किसी के पास नहीं है। करण गोदारा ने बताया कि पूछताछ के दौरान इन दवा तस्करों में से एक ने अपना नाम होडल निवासी विनोद तथा दूसरे ने पलवल निवासी अजीत बताया है।
यह दोनों कोसी कलां से अवैध रुप से इन दवाओं को लाकर यहां पर बेचते थे। गोदारा ने बताया कि उन्होने इन दोनों आरोपियों के खिलाफ एन डी पीएस एक्ट के तहत पुलिस को शिकायत देकर नशीली दवाओं का जखीरा तथा दोनों आरोपियों को पुलिस के हवाले कर दिया है।
गोदारा ने बताया कि विभाग इस जांच मे भी जुटा है कि इस प्रकार से नशीली दवाओं के तस्करों से कौन मैडीकल स्टोर दवाएं लेता था? उनके अनुसार यदि जिले में इस प्रकार का कोई भी दवा बिक्रेता पाया गया जो बिना बिल के दवा खरीदता या बेचता पाया गयातो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
गोदारा ने बताया कि प्रदेश सरकार, साकेत कुमार, भा. प्रा. से., आयुक्त, औषधी नियंत्रक विभाग हरियाणा तथा नरेंद्र आहूजा, प्रदेश औषधी नियंत्रक, हरियाणा के साफ निर्देश हैं कि किसी भी सूरत में गैर कानूनी दवा व्यवसाय को सहन नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि आज इन अंतरराज्जीय दवा तस्करों की गिरफ्तारी विभाग की बडी कामयाबी है।
उन्होंने दवा विक्रेताओं का आह्वान किया कि किसी भी सूरत में कच्चे लालच में न पड़ कर इस प्रकार की कोई दवा न खरीदें जिनको वह बेच नहीं सकते हो या फिर जिनका उनके पास बिल न हो। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कोई भी दवा विक्रेता पाया गया तो उसके खिलाफ भी विभाग सख्त कार्रवाई करेगा।
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