जमशेदपुर ड्रग विभाग ने हावड़ा ब्रिज स्थित टीसीआई ट्रांसपोर्ट कंपनी के पास नींद की दवा बेचने वाले गिरोह को पकड़ा है। टीम ने ऑटो जेएच05 डीसी 6688 से 12 पेटी दवा जब्त की। दवा लेकर जा रहे बागबेड़ा निवासी निखिल केसरी, धनंजय कुमार वर्मा, साकची निवासी राजकुमार गुप्ता और काशीडीह निवासी नीरज गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
पता चला है कि राजकुमार और नीरज रिश्ते में चाचा-भतीजा हैं। छापेमारी में ड्रग विभाग के साथ गोलमुरी थाना की पुलिस भी थी। ड्रग इंस्पेक्टर राजीव एक्का के बयान पर आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। जब्त दवाइयों में एक लाख 44 हजार ट्रामाडोल और 12 हजार एलप्राजोलम (पीस में) थी। इसकी कीमत 12 से 15 लाख रुपए बताई जा रही है। नशीली दवाओं की खेप पटना से कुरियर कर ट्रांसपोर्ट के जरिए मंगाई जाती थी।
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ड्रग विभाग को इसकी भनक लगी तो टीसीआई ट्रांसपोर्ट के आसपास पुलिस तैनात हो गई। शाम को दवा लेने चारों युवक आए। ऑटो पर दवा लोड कर रहे थे तभी उन्हें पकड़ लिया गया। ड्रग इंस्पेक्टर राजीव इक्का, कुंज बिहारी और जया आइंद ने आरोपी को पकडऩे के लिए करीब 4 घंटे तक टीसीआई ट्रांसपोर्ट के बाहर रेकी की।
ड्रग इंस्पेक्टर राजीव एक्का ने कहा- आरोपी पटना से नशे के लिए नींद की दवा मंगाते थे और उसे शहर में झोला में डालकर फेरी लगाकर बेचते थे। ट्रामाडोल-एलप्राजोलम टैबलेट को डॉक्टर नींद की दवा के रूप में प्रयोग में लाते हैं। किसी को नींद की समस्या व डिप्रेशन में यह दवा दी जाती है। इन दवाओं का उपयोग कुछ लोग नशे के लिए भी करते हैं, इनमें ज्यादातर युवा वर्ग हैं। ये दवाएं नार्कोटिक्स श्रेणी में आती हैं। बिना डॉक्टरी सलाह के सेवन पर रोक है। बिना डॉक्टरी पर्चे के यह दवा नहीं मिलती।
जमशेदपुर की जिला ड्रग्स इंस्पेक्टर जया आनन्द ने बताया कि नशीली दवाओं की खेप आने की सूचना लंबे समय से मिल रही थी और वे सारी गतिविधियां बारीकी से जांच रही थी। समय रहते जाल बिछाकर टीसीआई ट्रांसपोर्ट के पास घेराबंदी कर नार्कोटिक्स दवाओं की खेप के साथ चार लोगों को पकड़ा लिया गया।
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