ऊना। ड्रग कंट्रोल विभाग की टीम ने जिला ऊना के विभिन्न निजी अस्पतालों में दवाओं के सैंपल भरे हैं। टीम ने करीब 12 सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। इसमें अधिकांश जीवनरक्षक दवाओं के सैंपल शामिल हैं। विभाग ने निजी अस्पतालों में दवाओं की गुणवत्ता को जांचने के सिलसिले में यह अभियान शुरू किया है।
अभियान के शुरुआती दौर में निजी अस्पतालों को चुना गया है और रेंडम आधार पर उनकी जांच की जा रही है। ड्रग कंट्रोल विभाग की टीम ने गगरेट क्षेत्र के करीब आधा दर्जन निजी अस्पतालों में दबिश देकर करीब 12 सैंपल भरे हैं। अभियान के तहत पूरे जिले में निजी अस्पतालों व क्लीनिकों की जांच की जाएगी। टीम ने कुछ रोज पहले ही इस अभियान की शुरुआत की है और अब तक जहां जरूरी लगा है वहां के सैंपल जांच के लिए हासिल किए हैं।
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विभाग ने इस क्रम में सबसे पहले चरण में गगरेट क्षेत्र का चुनाव किया और वहां अस्पतालों के मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण करके यह सैंपल हासिल किए हैं। जिले में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की सूचनाओं और प्रतिबंधित दवाओं के पकड़ में आने के बाद ड्रग कंट्रोल विभाग ने सक्रियता बढ़ा दी है। विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद जिले में जहां भी दवाओं की बिक्री अथवा उनका इस्तेमाल हो रहा है उन संस्थानों में दबिश देने का दौर जारी रहेगा।
विभागीय सूत्रों से पता चला है कि जो नशा निवारण केंद्र हैं, वहां भी ड्रग कंट्रोल विभाग औचक निरीक्षण करेगा। ड्रग कंट्रोल विभाग के इंस्पेक्टर विकास ठाकुर व पंकज के मुताबिक महकमे के निर्देशों पर यह कार्रवाई की गई है। रूटीन में भी सैंपल लिए जा रहे हैं। सहायक दवा नियंत्रक आशीष रैना ने बताया कि ऊना जिला में भी दवाओं की गुणवत्ता जांचने व स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े तमाम संस्थानों की जांच की जा रही है। इसमें आम लोगों तक सही दवा पहुंचे और इसका गलत इस्तेमाल न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
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