दवाइयों के गोदाम का क्लेम न देने पर इंश्योरेंस कंपनी को देने होंगे 81 लाख

Insurance company will have to pay 81 lakh for not giving claim to medicines warehouse

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Picture: Pixabay

चंडीगढ़, अपने एक ग्राहक को पूरा इंश्योरेंस क्लेम नहीं देना नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को महंगा पड़ गया। मामले में सुनवाई करते हुए स्टेट कंज्यूमर कमीशन ने अब इंश्योरेंस कंपनी की ओर से शिकायतकर्ता को पॉलिसी के तहत तय 81 लाख रुपए सात प्रतिशत ब्याज के साथ देने का आदेश दिया है। साथ ही इस दौरान शिकायतकर्ता को हुई परेशानी के लिए एक लाख रुपये मुआवजा राशि भी देने के लिए कहा है।

हरियाणा के सोनीपत स्थित एसएस फार्मा कंपनी ने कमीशन में दायर अपने केस में बताया कि उनका सोनीपत में दवाइयों का स्टॉक रखने के लिए गोदाम है। उन्होंने उक्त इन्श्योरेंस कंपनी से 9 सितम्बर 2016 से 8 सितम्बर 2017 तक के लिए इन्श्योरेंस पॉलिसी खरीदी थी।

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पॉलिसी के मुताबिक अगर गोडाउन में कभी आग लग जाए तो कंपनी उसके लिए 81 लाख रुपये क्लेम देगी। इसके बार एक व दो फरवरी, 2017 की मध्य रात्रि को उनके दवाइयों का इस गोडाउन में आग लग गई। जिसकी वजह से वहां रखा सारा स्टॉक और फर्नीचर जल गया। इससे उनका करीब  लाख रुपये का नुकसान हुआ।

इसके बाद जब कंपनी से क्लेम देने के लिए अपील की गई तो कम्पनी ने सिर्फ 4,53,849 रुपये ही क्लेम के तौर पर देने की बात कही,जबकि पॉलिसी के मुताबिक 81 लाख दिए जाने थे। परेशान होकर फार्मा कम्पनी ने चंडीगढ़ स्थित स्टेट कंज्यूमर कमीशन में शिकायत दी।

वहीं इन्श्योरेंस कम्पनी और फार्मा कम्पनी की दलीलों को सुनने के बाद कमीशन ने क्लेम के 81 लाख रुपये सात प्रतिशत ब्याज साथ देने का आदेश इन्श्योरेंस कंपनी को दिया है। साथ ही एक लाख रुपए इस दौरान शिकायतकर्ता को हुई मानसिक परेशानी के लिए हर्जाने के रूप में देने के लिए कहा है।

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