2050 तक दुनिया की आधी आबादी को लगेगा चश्मा, क्या है इलाज़: Research

वहीं जो लोग लैपटॉप या कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं उनमें ये खतरा 80 फीसदी तक बढ़ जाता है।

443
2050 तक दुनिया की आधी आबादी को लगेगा  चश्मा, क्या है इलाज़: Research

Last Updated on November 23, 2021 by The Health Master

2050 तक दुनिया की आधी आबादी को लगेगा चश्मा

दुनिया की आधी आबादी को 2050 तक चश्मे की जरूरत होगी। इस बात का खुलासा हाल ही में सामने आए एक शोध में किया गया है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि दुनिया भर में लोगों को स्मार्टफोन और टेबलेट की लत लगने के चलते आने वाले समय में लोगों की आंखों पर असर होगा और उन्हें चश्में की जरूरत होगी।

शोधकर्ताओं के मुताबिक फोन और टेबलेट के ज्यादा इस्तेमाल के चलते लोगों में देखने की क्षमता में कमी या Myopia का खतरा 30 फीसदी तक बढ़ा है

वहीं जो लोग लैपटॉप या कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं उनमें ये खतरा 80 फीसदी तक बढ़ जाता है।

इस शोध में शामिल Anglia Ruskin University के Ophthalmology विभाग के प्रोफेसर Rupert Bourne के मुताबिक ये अध्ययन तीन महीने के बच्चे से लेकर 33 साल तक के युवाओं के बीच किया गया।

स्मार्ट डिवाइस और Myopia पर हुए तीन हजार से अधिक अध्ययनों पर रिसर्च की

The Lancet Digital Health Journal में छपे इस शोधपत्र के मुताबिक शोधकर्ताओं ने स्मार्ट डिसाइस के इस्तेमाल और उससे आंखों पर पड़ने वाले असर पर हुए 3,000 से ज्यादा अध्ययनों पर रिसर्च की।

इस रिसर्च में Anglia Ruskin University के Ophthalmology विभाग के प्रोफेसर Rupert Bourne के अलावा Centre for Eye Research Australia के विशेषज्ञ भी शामिल रहे।

Anglia Ruskin University के मुताबिक लॉकडॉउन के चलते पूरी दुनिया में लोगों का स्क्रीन पर खर्च होने वाला समय बढ़ गया है। इसका सीधा असर आंखों पर पड़ा है। सबसे अधिक असर बच्चों की आंखों पर पड़ा है।

ऑनलाइन क्लास के चलते माता पिता भी बच्चे को ज्यादा समय ऑनलाइन रहने पर जोर देते हैं। रिसर्च में मिले आंकड़ों के मुताबिक यूके में रहने वाले लोगों में ही तीन में एक व्यक्ति पर इसका असर पड़ा है।

विशेषज्ञों के मुताबिक स्क्रीन टाइम बढ़ने से सबसे ज्यादा असर भारत सहित एशिया में रहने वाले लोगों की आंखों पर पड़ेगा। क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी यहीं रहती है।

वहीं आंखों पर सबसे अधिक असर कहां होगा इसको इस बात से भी समझा जा सकता है कि जिस देश में सबसे ज्यादा स्मार्टफोन होंगे वहां के लोगों की आंखों पर सबसे अधिक होगा।

क्या है मायोपिया

मायोपिया की बीमारी में मरीज को दूर की चीजें साफ नहीं दिखाई देती। साइंस की भाषा में कहें तो, इस बीमारी में कोई ऑबजेक्ट 2 मीटर या 6.6 फीट की दूरी पर मौजूद है, तो वह हमें धुंधला दिखाई देता है।

क्या है इलाज

इस बीमारी में आंख में जाने वाली रौशनी रेटिना पर केंद्रित नहीं होती। इसके चलते तस्वीरें धुंधली दिखाई देती है।

इस बीमारी को ठीक करने के लिए चश्मा, कॉन्टेक्ट लेंस या अपवर्तक सर्जरी से आंखों की रौशनी को ठीक किया जा सकता है।

आपकी आंखें मायोपिया से कितनी प्रभावित है, इस आधार पर आपके चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस का नंबर तय होता है।

Preservative foods कहीं बीमार तो नहीं कर रहे आपको ? Let’s know in detail

7 amazing foods to control your Blood Sugar levels

Vegan Tea: पी है कभी वीगन चाय? क्या है बनाने का तरीका और…

Vitamin D की अगर कमी है तो सर्दियों में आ सकती है ये दिक्कतें:…

Steps in Skin-Prep for flawless makeup

5 Types of Headaches: कैसे करे इन सिर सर दर्द को ठीक: Must read

Vitamin B12 की कमी से हो सकती है ये बड़ी समस्या, और क्या फायदे

The reality of Diabetes reversal

Prostate cancer is 2nd most common cancer: Let’s know all about

Reuse of cooking oil is dangerous: Let’s know how !

For informative videos by The Health Master, click on the below YouTube icon:

YouTube Icon

For informative videos on Medical Store / Pharmacy, click on the below YouTube icon:

YouTube Icon

For informative videos on the news regarding Pharma / Medical Devices / Cosmetics / Homoeopathy etc., click on the below YouTube icon:

YouTube Icon

For informative videos on consumer awareness, click on the below YouTube icon:

YouTube Icon
Telegram
WhatsApp
Facebook
LinkedIn
YouTube Icon
Google-news