Last Updated on May 2, 2020 by The Health Master
अल्ट्रा-वायलेट लाइट का कोरोना पर क्या असर ?, जानिए WHO की राय
सारी दुनिया इन दिनों कोरोना वायरस (Corona virus) के कहर से परेशान है. कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए वैज्ञानिकों द्वारा वैक्सीन तैयार की जा रही है. इस वक्त जब सारी दुनिया इस महामारी की मार झेल रही है. वहीं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया (Social media) पर कोरोना वायरस से बचाव के लिए कई तरह के दावे किए जा रहे हैं.
इन्हीं दावों में से एक ये है कि सूर्य के प्रकाश में मौजूद अल्ट्रा-वायलेट किरणें हाथों को डिसइंफेक्ट कर सकती है. इस तरह के पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों ने कई तरह के नुस्खें अपनाएं हैं, लेकिन क्या ये वाकई फायदेमंद है? इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) द्वारा अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया गया है.
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अल्ट्रा-वायलेट किरणों पर क्या कहता है WHO
सूर्य के प्रकाश में मौजूद अल्ट्रा- वायलेट या UV किरणें, जिन्हें पराबैंगनी किरणें भी कहा जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) द्वारा किए गए पोस्ट के अनुसार, अल्ट्रा-वायलेट किरणों में इतनी ज्यादा तपन होती है कि ये शरीर की कोशिकाओं को नष्ट करने लगती है. साथ ही ये मनुष्य की आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा स्पष्ट किया गया है कि हाथों को डिसइंफेक्ट करने के लिए किसी भी स्थिति में अल्टा-वायलेट लाइट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.