Last Updated on October 9, 2021 by The Health Master
Saridon Headache Report ने भारतीयों में सिरदर्द बारे किया ये खुलासा:
नई दिल्ली। भारत में बायर्स कंज्यूमर हेल्थ डिविजन की प्रसिद्ध पेशकश सैरिडॉन (Saridon) ने हाल ही में ‘सैरिडॉन हेडेक रिपोर्ट’ शीर्षक से एक व्यापक रिपोर्ट जारी की है। हेडेक रिलीफ कैटेगरी में अग्रणी होने के नाते, यह रिपोर्ट 50 साल से ज्यादा पुराने इस मशहूर ब्रांड का एक साहसिक प्रयास है।
इसमें सीधे ग्राहकों से जानकारी लेकर यह पता लगाया गया है कि महामारी ने भारत में उनके लक्षित उपभोक्ताओं में सिरदर्द की आवृत्ति और तीव्रता को कैसे प्रभावित किया है।
इस अध्ययन में 14 राज्यों के 24 शहरों (टॉप 4 मेट्रोज और प्रमुख टियर 1 और टियर 2 शहर) के 10004 लोगों से जवाब लिये गये थे। इसके कई रोचक परिणाम मिले, जैसे कि 90% लोगों को तनाव के कारण सिरदर्द होता है और यह बात काफी चौंकाने वाली है।
हंसा रिसर्च द्वारा कमीशंड यह रिपोर्ट एक पूर्ण-सेवा वैश्विक बाजार शोध है जिसमें जेंडर, कामकाजी वर्ग (पूर्ण कालिक, आंशिक, बिजनेसमैन एवं महिलाओं), उम्र, भौगोलिक क्षेत्रों जैसी विविध श्रेणियों को शामिल किया है। ताकि इस बारे में एक पूर्ण/व्यापक नजरिया प्रस्तुत किया जा सके कि 22-45 वर्षीय शहरी भारतीय किस कारण से बीमार हैं।
इस सर्वे में उन प्रतिभागियों से रोचक जानकारी मिली है, जिनका साक्षात्कार CAPI एवं CATI का इस्तेमाल कर किया गया। ये सभी एनसीसीएस एबीसी की प्रतिक्रियाओं से ताल्लुक रखते हैं जिसमें उनके सिरदर्द की बढ़ती फ्रीक्वेंसी पर जोर दिया गया है, उनमें तनाव के लक्षणों, सिरदर्द करने वाले आक्रामक कारकों का पता लगाया गया है। इसके अलावा लोगों द्वारा तलाशे गए रेमेडियल उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई है।
सैरिडॉन हेडेक रिपोर्ट’ (Saridon Headache Report) के बारे में बायर कंज्यूमर हेल्थ इंडिया के कंट्री हेड संदीप वर्मा ने कहा, “बायर कंज्यूमर हेल्थ डिविजन में हम जिम्मेदार सेल्फ-केयर और काम को प्रोत्साहित करने में विश्वास रखते हैं, ताकि हमारे उपभोक्ताओं को रोजमर्रा के स्वास्थ्य समाधान मिलें और वे एक स्वस्थ और उत्पादक जीवन जिएं।
हेडेक सर्वे रिपोर्ट में शहरी भारतीयों पर महामारी का प्रभाव बताया गया है। इस शोध के परिणामों से हम इस विषय पर जानकारियां सामने लाना चाहते हैं।
हम चाहते हैं कि सभी भारतीय सिरदर्द को छुपाने के बजाए उसे दूर करने के लिए काम करें और एक दर्द-रहित और उत्पादक जीवन जिएं।”
1. घर से काम करना महिलाओं के लिए ज्यादा कठिन है:
- पिछले एक साल में सिरदर्द से पीड़ित हुईं 92% कामकाजी महिलाओं ने दावा किया कि तनाव बढ़ने से सिरदर्द बढ़ता है।
- फुल-टाइम काम करने वाली 92% कामकाजी महिलाओं को सिरदर्द हुआ, जबकि ऐसे 85% पुरूषों को सिरदर्द हुआ।
- 91% महिलाओं ने दावा किया कि उन्हें पिछले एक साल में सिरदर्द हुआ, जबकि ऐसे पुरुष 84% थे।
- फुल-टाइम काम करने वाली 63% महिलाओं को तनाव के कारण सिरदर्द हुआ, जबकि ऐसे 56% पुरूषों को सिरदर्द हुआ।
2. आर्थिक समस्याएं तनाव का प्रमुख कारण हैं
- 76% एनसीसीएस बी और 77% एनसीसीएस सी लोगों को वित्तीय मुद्दों के कारण तनाव हुआ, जबकि एनसीसीएस ए लोगों का प्रतिशत 71 था।
- 74% शहरी भारतीयों ने आर्थिक समस्याओं को तनाव का प्रमुख कारण बताया।
- 74% कामकाजी लोगों को लगता है कि कम काम करने से सिरदर्द की आवृत्ति कम करने में मदद मिलेगी।
- 58% लोगों को काम के दबाव के कारण तनाव होता है।
3. पुरुषों को ज्यादा तनाव होता है/ पुरुष सिरदर्द छुपाते हैं
- 4 में से 1 पुरूष अपने सिरदर्द की बात छुपाता है।
- अपने सिरदर्द की बात छुपाने वालों में से आधे पुरुष ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि वे अपने दोस्तों/ परिवार/सहकर्मियों/प्रियजनों को तनाव नहीं देना चाहते।
- आर्थिक कारणों से 77% पुरूषों को तनाव हुआ, जबकि ऐसी महिलाएं 72% थीं।
- काम के दबाव के कारण 65% पुरुषों को तनाव हुआ, जबकि ऐसी महिलाएं 51% थीं।
4. जनसांख्यिकीय खुलासे
- गुजरात तनाव के सबसे ज्यादा मामलों के साथ सभी राज्यों में शीर्ष पर है।
- मदुरै में तनाव के मामले सबसे ज्यादा, जिसके बाद भोपाल और अहमदाबाद का नंबर है।
- टियर 1 और टियर 2 शहरों के बीच त्रिवेंद्रम में सिरदर्द के मामले सबसे ज्यादा है।
- दिल्ली, गुजरात और मध्यप्रदेश से जवाब देने वाले 90% से ज्यादा लोगों ने तनाव में होने की बात कही।
5. आयु
- 36 से 45 साल के आयु वर्ग से जवाब देने वाले 87% लोगों ने तनाव में होने की बात कही, जबकि 22 से 35 साल के आयु वर्ग में ऐसे लोग 82% थे।
- 36 से 45 साल के 48% लोगों ने कहा कि उनका तनाव बढ़ा है, जबकि 22 से 35 साल के ऐसे लोगों की संख्या 44% थी।
6. कुल मिलाकर परिणाम
- सिरदर्द का अनुभव करने वाले 90% शहरी भारतीयों ने माना कि तनाव बढ़ने से उनका सिरदर्द बढ़ा है।
- 84% शहरी भारतीयों ने कहा कि उन्होंने पिछले एक साल में तनाव का अनुभव किया है।
- 60% शहरी भारतीय तनाव के कारण सिरदर्द का अनुभव करते हैं।
- पिछले एक साल में सिरदर्द से पीड़ित होने वाले लोगों में से एक-तिहाई ने कहा कि महामारी के बाद इसकी आवृत्ति बढ़ी है।
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