Last Updated on March 22, 2021 by The Health Master
April से 20% तक बढ़ सकते हैं दवाइयों के Rate
नई दिल्ली. महंगाई के इस दौर में अब लोगों को दवाइयों के लिए भी अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है.
नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने दवा निर्माताओं को एनुअल होलसेल प्राइस इंडेक्स (Wholesale Price Index) में 0.5 फीसदी बढ़ोतरी की अनुमति दी है.
दर्द निवारक दवाइयां, एंटीइंफ्लाटिव, कार्डियक और एंटीबायोटिक्स सहित आवश्यक दवाओं की कीमतें अप्रैल से बढ़ सकती हैं,
20 फीसदी बढ़ सकती है कीमत
सरकार ने दवा निर्माताओं को एनुअल होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) के आधार पर कीमतों में बदलाव की अनुमति दी है. ड्रग प्राइस रेगुलेटर, नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार की तरफ से 2020 के लिए डब्ल्यूपीआई में 0.5 फीसदी का एनुअल चेंज नॉटिफाई हुआ है.
वहीं फार्मा इंडस्ट्री का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट में 15-20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसलिए कंपनिया कीमतों में 20 फीसदी बढ़ोतरी की योजना बना रही है.
बता दें कि दवा नियामक की ओर से WPI के अनुरूप अनुसूचित दवाओं की कीमतों में हर साल वृद्धि की अनुमति दी जाती है.
महामारी के दौरान बढ़ी आयातकों की कोस्ट
कार्डियो वैस्कुलर, डायबिटीज, एंटीबायोटिक्स, एंटी-इंफ़ेक्टिव और विटामिन के मैन्यूफैक्चर के लिए अधिकांश फार्मा इन्ग्रीडीएंट चीन से आयात किए जाते हैं, जबकि कुछ एक्टिव फार्मास्युटिकल इन्ग्रीडीएंट (एपीआई) के लिए चीन पर निर्भरता लगभग 80-90 फीसदी है.
जब चीन में पिछले साल की शुरुआत में C-19 महामारी बढ़ने के बाद सप्लाई में दिक्कतों के चलते भारतीय दवा आयातकों की कोस्ट बढ़ गई. इसके बाद चीन ने 2020 के मध्य में सप्लाई शुरू होने पर कीमतों में 10-20 फीसदी की वृद्धि की.
चीन से होती ज्यादातर कच्चे माल की सप्लाई
दरअसल, देश में दवाएं बनाने के लिए ज्यादातर कच्चा माल चीन से आता है. जो C-19 महामारी के कारण काफी प्रभावित हुआ है. दवा कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक, दवाओं के लिए कच्चा माल जर्मनी और सिंगापुर से भी आता है, लेकिन चीन के मुकाबले इनकी कीमत ज्यादा होती है.
इसी कारण ज्यादातर कंपनियां चीन से खरीदारी करती हैं. एंटीबायोटिक दवाओं का भी ज्यादातर कच्चा माल चीन से आता है.
हाल ही में, सरकार ने हेपरिन इंजेक्शन की कीमत में भी वृद्धि की है. जिसका उपयोग C-19 के उपचार में भी किया जाता है.
चीन से आयातित एपीआई की लागत में बढ़ोतरी से कई कंपनियों के अनुरोध के बाद पिछले साल जून में सरकार ने हेपरिन पर 50 फीसदी प्राइस वृद्धि की अनुमति दी थी.
Also read:
Latest Notifications: COTPA (Cigarettes and Tobacco products)
Pharmacy Teachers should have good knowledge of drug development
Gujarat FDCA to host meet with USFDA for information sharing
80 plus medicines to come under under Price Regulation: NPPA
Prices of essential medicines to go up
NPPA fixes retail price of 3 formulations
For informative videos by The Health Master, click on the below YouTube icon:
For informative videos on Medical Store / Pharmacy, click on the below YouTube icon:
For informative videos on the news regarding Pharma / Medical Devices / Cosmetics / Homoeopathy etc., click on the below YouTube icon:
For informative videos on consumer awareness, click on the below YouTube icon: